
65 या इससे कम उम्र के लोगों में भी MCI के लक्षण देखे जाते हैं। आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी और इसे पहचानने का तरीका।
उम्र बढ़ने के साथ हमें अपने स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए। पर अधिकतर लोग 45 की उम्र के बाद से ही खुद में दिखने वाले कुछ लक्षणों को बुढ़ापे की संज्ञा दे देते हैं। जैसे कि अगर किसी को सुनने में परेशानी हो रही है, लोगों को पहचानने में परेशानी हो रही हो या फिर वो चीजों को भूल जाते हैं, तो इन चीजों को लोग बुढ़ापे के लक्षणों के रूप में देखते हैं। जब कि ये बुढ़ापे का संकेत नहीं बल्कि मस्तिष्क की क्षमताओं से जुड़े एक रोग के लक्षण हैं। जी हां, अगर किसी भी व्यक्ति में ये तमाम लक्षण गंभीर रूप मे नजर आते हैं, तो उन्हें Mild cognitive impairment (MCI) रोग हो सकता है। इसमें व्यक्ति के संज्ञानात्मक मस्तिष्क (cognitive mind) पर प्रभाव पड़ता है और इससे जुड़े सभी कामों को करने में परेशानी आती है। तो, आइए जानते हैं क्या है ये रोग और इसके 5 जरूरी संकेत।
क्या है Mild Cognitive Impairment (MCI) रोग?
Mild cognitive impairment (MCI) रोग को आप हल्के संज्ञानात्मक हानि के कारण होने वाली बीमारी के रूप में देख सकते हैं। इसमें व्यक्ति के अंदर संज्ञानात्मक परिवर्तन होते हैं जो, गंभीर रूप से शरीर की कई गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। एमसीआई के रोगी में, विशेष रूप से मेमोरी की समस्याएं होती हैं। साथ ही ऐसे रोगियों में अल्जाइमर रोग या डिमेंशिया आदि विकसित होने की अधिक संभावनाएं रहती हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति में आप इन 5 लक्षणों पर भी गौर कर सकते हैं।
MCI रोग के लक्षण (MCI symptoms)
1.चीजों को अक्सर भूल जाते हैं
Mild cognitive impairment (MCI) रोग से पीड़ित लोगों का मस्तिष्क, शरीर के बाकी हिस्सों की तरह बड़े हाने के साथ बदलता जाता है। बहुत से लोग में इसके कारण भूलने की बीमारी भी महसूस करते हैं। ऐसे लोगों को किसी शब्द के बारे में सोचने या किसी व्यक्ति का नाम याद करने में अधिक समय लग सकता है। ऐसे लोग इवेंट्स, डेट्स यहां तक कि अपनी ही पढ़ी हुई किताबों और आस पास के लोगों को नाम भूल जाते हैं। साथ ही इनमें से कुछ लोगों को टाइम और डाइरेक्शन से जुड़ी परेशानियां भी होती हैं।
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2.देखने और समझने में परेशानी
आपको ये जान कर हैरानी हो सकती है कि MCI रोग से पीड़ित लोगों को दिखने वाली चीजों को समझने में भी परेशानी हो सकती है। जी हां, इस बीमारी के रोगी को लाइट में देखी गई चीजों को मस्तिष्क के द्वारा समझने में परेशानी होती है। इसलिए ऐसे लोगों में हर चीज को देखने की धारणा बदल जाती है। इन्हें हर बार मस्तिष्क को यह समझाना पड़ता है कि आंखें वास्तव में क्या देख रही हैं।
3. कंफ्यूज रहना
Mild cognitive impairment (MCI) रोग से पीड़ित लोगों का मस्तिष्क हमेशा एक कंफ्यूजन मोड में रहता है। वो आसानी से किसी भी चीज को समझ नहीं पाते इसलिए वो किसी भी फैसले को लेने में कंफ्यूजन में रहते हैं। ऐसे लोगों को छोटे से छोटा निर्णय लेने में परेशानी होती है और ऑर्डर फॉलो करने में भी दिमाग धीमे-धीमे काम करता है।
4.परिचित चीजों को भी अपरिचित बताना
इस रोग के रोगी को उम्र बढ़ने के साथ किसी भी चीज को खोजने और पहचानने में काफी परेशानी होती है। ऐसे लोगों को परिचित वातावरण में अपना रास्ता खोजने में परेशानी होने लगती है। ये लोग कई बार अपने ही घर के रास्ते, अपने लोग और दोस्तों तक को पहचानने से मना कर देते हैं। इसी कारण ऐसे लोग उम्र बढ़ने के साथ अधिक खोए-खोए से नजर आते हैं। बाद में ये और गंभीर होने पर अल्जाइमर के रोग को भी ट्रिगर करता है।
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5. डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन
बुढ़ापे में लोग ज्यादा चिड़चिड़ेपन के शिकार हो जाते हैं। पर MCI के रोगी में ये बुढ़ापा आने से पहले भी हो सकता है। ऐसे लोग वक्त के साथ अधिक गुस्सेल और लड़ाकू स्वभाव के हो जाते हैं। ये सभी चीजें मानसिक स्वास्थ्य के गिरावट से जुड़ा हुआ है, जो कि डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, आक्रामकता, चिंता और उदासीनता को बढ़ाता है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
इस तरीके से आप समझ सकते हैं, कि इस रोग को समझना आसान नहीं है। पर अगर आप कम उम्र में इन संकेतों को महसूस कर रहें, तो नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें। वो आपको इस परेशानी से उभरने का सही रास्ता बताएंगे।
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