
सर्दियों की आहट के साथ ही उम्रदराज लोगों के लिए परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है। जोड़ों का दर्द उन्हें बुरी तरह परेशान करने लगता है। ऐसा माना जाता है कि बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर उस आबादी पर पड़ता है, जो वृद्धावस्था की और बढ़ रही है। जैसे
सर्दियों की आहट के साथ ही उम्रदराज लोगों के लिए परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है। जोड़ों का दर्द उन्हें बुरी तरह परेशान करने लगता है। ऐसा माना जाता है कि बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर उस आबादी पर पड़ता है, जो वृद्धावस्था की और बढ़ रही है। जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ने लगती है,वैसे वैसे जोड़ों के दर्द की इनकी परेशानियां बढ़ने लगती हैं। वास्तव में सर्दियों में शारीरिक सक्रियता में आने वाली कमी जोड़ों के दर्द को और बढ़ा देती है। कैसे इस मौसम में जोड़ों के दर्द से निजात पाई जा सकती है और कौन सी सावधानियां बरत कर आप पहले से ही इस बीमारी से लड़ने की ताकत जुटा सकते हैं, आइए जानें।
- विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में जैसे-जैसे तापमान में कमी आती है जोड़ों की रक्तवाहिनियां संकुचित हो जाती हैं और उस हिस्से में रक्त का तापमान कम हो जाता है। इससे अकड़ाहट बढ़ जाती और दर्द होने लगता है।
- कुछ विशेषज्ञ एक इस दर्द का कारण वायुमंडलीय दबाव को भी बताते हैं। इनका मानना है कि इसमें कमी आने से रक्त धमनियों की दीवार के तनाव में कमी आ जाती है तथा दर्द और सूजन बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दियों में बढ़ी हुई नमी के कारण तंत्रिकाओं में संवेदना की क्षमता निश्िचत रूप से बढ़ जाती है, जिससे जोड़ों में दर्द अधिक महसूस होता है।
- आर्थराइटिस एक प्रकार का ना होकर सौ प्रकार का होता है। लेकिन सबसे प्रमुख हैं- ऑस्टियो आर्थराइटिस तथा रूमेटाइड आर्थराइटिस।
- रूमेटाइड आर्थराइटिस में जोड़ों के अलावा दूसरे अंग तथा संपूर्ण शारीरिक प्रणाली प्रभावित होती है। यह रोग 25-35 साल की उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। हाथ पैरों के छोटे जोड़ों में दर्द, कमजोरी, टेढ़ापन, मांसपेशियों में कमजोरी, बुखार इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा गुर्दों और जिगर में भी खराबी हो सकती है।
- ऑस्टियों आर्थराइटिस 40 साल से ऊपर के लोगों खासतौर पर महिलाओं को प्रभावित करता है। यह रोग आमतौर पर षरीर का सारा वजन सहने वाले जोड़ों .घुटनों को प्रभावित करता है।
- जोड़ों में दर्द से निजात के लिए अपने खान-पान पर आप को खास ध्यान देना होगा। विटामिन बी जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मददगार है। विटामिन बी.3, नाइसिन वाले उत्पादों में मीट, मछली, टोफू, कॉटेज, चीज व सूरजमुखी के बीज शामिल हैं। विटामिन बी.5, पेंटोथनिक एसिड, मीट, अंडे, सोयाबीन, दलिया, साबुत अनाज, दाल व मूंगफली में मिलता है। विटामिन बी.6, मीट मछली साबुत अनाज, दलिया साबुत गेहूं, केलों व सोयाबीन में होता है। इन्हें खाने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
- विटामिन ए के सबसे अच्छे स्रोत्र हैं मीठे आलू, गाजर, गोभी, पालक, कीवी फल, तरबूज, हरा साग, सलाद पत्ता, अजवायन, मिर्च, पुदीना, अंकुरित ब्रसेल्स, टमाटर, ब्रोकली और खुबानी। इन्हें खाना फायेदमंद होता है।
- विटामिन सी और विटामिन ई भी जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाते हैं।
- कॉफी, कैफीन युक्त ड्रिंक्स सॉट ड्रिंक्स, अल्कोहल, ड्रग्स और धूम्रपान जैसी चीजों का इस्तेमाल ना करें और साथ ही बहुत अधिक प्रोटीनयुक्त भोजन न लें। यह आपके जोड़ों के दर्द को और भी बढ़ा सकता है।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।