
विपरीत करनी आसन फिट और स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छे योग में से एक है। यह उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकता है और पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में मदद करता है। यह आंतों को स्वस्थ रखता है और डाइजेशन सुधारने
योग न केवल शारीरिक रूप से फिट रहने में हमारी सहायता करता है बल्कि मानसिक रूप से मजबूत रहने में भी हमारी सहायता करता है। हालांकि योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने का सही तरीका पता होना चाहिए। विपरीत करनी आसन फिट और स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छे योग में से एक है। यह उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकता है और पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में मदद करता है। यह आंतों को स्वस्थ रखता है और डाइजेशन सुधारने में मदद करता है। विपरीत करनी मुद्रा, यह मुद्रा थायरायड में फायदेमंद है। इस योगासन को करने के लिए यहां हम आपको पूरी विधि बता रहे हैं।
विपरीत करनी योगासन करने की विधि
- सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर आप लेट जाये।
- फिर अपनी दोनों टांगो को ऊपर उठाये।
- जब टांगें 45 डिग्री पर आ जाए तो हाथों से कमर को सहारा देते हुए कुल्हों को सहारा दें।
- ध्यान रहे कि कोहनियां जमीन पर टिकी रहें और हाथों से कमर को सहारा दे कर रखें।
- इस आसन को लगभग 1 मिनट तक करें।
- इस व्यायाम को तब तक करें जब तक आपको खून का प्रेशर चेहरे पर महसूस ना हो।
- इसके बाद लेटने वाली मुद्रा में दुबारा आ जाये और 1 मिनट तक आराम करें जब तक ब्लड प्रेशर सामान्य ना हो जाए।
- दुबारा उसी मुद्रा में वैसे ही आएं जैसे आप गए थे।
विपरीत करनी योगासन से पहले करें ये 4 योग
- बालासन
- मार्जरी आसन
- भुजंगासन
- उत्तानासन
विपरीत करनी योगासन करने में बरतें सावधानी
इस योगासन को करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप पूरी तरह स्वस्थ हैं या नहीं। अगर आपकी आंखों में किसी प्रकार की गंभीर समस्या है या मोतियाबिंद है तो इस योग को करने से बचें। इसके अलावा अगर आपके कमर या पीठ में दर्द है तो इस योगसान किसी प्रशिक्षक की देखरेख में करें।
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विपरीत करनी योगासन करने के फायदे
- विपरीत करनी योगासन मानसिक रूप से मजबूत रहने में हमारी सहायता करता है।
- यह उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकता है और पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण में मदद करता है।
- यह आंतों को स्वस्थ रखता है और डाइजेशन सुधारने में मदद करता है।
- विपरीत करनी मुद्रा, यह मुद्रा थायरायड में फायदेमंद है।
- पैरों का दर्द और थकावट को दूर करता है।
- टांगों के पिछले हिस्सों, धड़ और गर्दन में खिंचाव लाता है।
- अवसाद, अनिद्रा, सिरदर्द, रक्तचाप, माइग्रेन आदि गंभीर रोगों में विपरीत करनी योगासन करना लाभप्रद है।
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