अन्डरएक्टिव थायराइड के लिए प्राकृतिक भोजन: अन्डरएक्टिव थायराइड में सही भोजन लेना जरूरी होता है अन्यथा रोग बढ़ भी सकता है।
थायराइड किसी भी उम्र में हो सकता है। थायराइड हमारे शरीर का महत्वपूर्ण ग्लैंड होता है। यह तितली के आकार का होता है। यह गले के अगले हिस्से में तथा श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों तरफ दो भागों में बंटा होता है। थायराइड शरीर में होर्मोंन प्रोड्यूस करती है और यह मेटाबॉलिज्म ग्रंन्थि को कंट्रोल करती है। हम जो भी खाना खाते हैं, उसको यह थायराइड ग्रंन्थि शरीर के लिए उपयोगी ऊर्जा में बदलती है। इसके लिए यह थायरायड ग्रंन्थि से निकलने वाले हार्मोन शरीर की लगभग सभी क्रियाओं पर अपना प्रभाव डालते हैं। बॉडी में थायराइड की कमी या अधिकता ब्लड टेस्ट के जरिए पता लगायी जाती है।
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यह दो प्रकार का होता है-
हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथारॉइडिज्म। थायराइड ग्रंन्थि से अधिक हार्मोन बनने लगे तो हाइपरथायरॉइडिज्म और कम बनने लगे तो हाइपरथायरॉइडिज्म और कम बनने हाइपोथायरॉइडिज्म हो जाता है।
इलाज
हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज व योग के अलावा समय-समय पर थायराइड की जांच इस बीमारी को रोकने में काफी मदद करती है। थायराइड और इसका उपचार आमतौर पर शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और शरीर को रोगों और संक्रमण से लड़ने की ताकत खो जाती है। इसलिए, यह जरूरी है कि पौष्टिक भोजन किया जाए।
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थायराइड में कौन-कौन से फल ना खाएं-
इस बीमारी से बचाव के लिए जामुन, कीवी, चेरी, खट्टे फल, पपीता, आम, प्लम और लाल अंगूर जरूर खाएं। ये फल बीमारी से तो दूर रखते ही हैं साथ ही आपके एम्यूजन सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को भी मजबूत बनाते हैं। इन फलों में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन फाइबर आदि प्रचुर मात्रा में होता है।
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थायराइड रोग के लिए आहार में फल एवं सब्जियां, मछली, साबुत अनाज, अंडा, फलियां और सेम नियमित रूप से लेना चाहिए। साथ ही थायराइड की दवा की सही खुराक भी लेनी जरूरी है। कम से कम हर 6 महीने में जांच करवाएं। नियमित रूप से सक्रिय रहें क्योंकि शारीरिक गतिविधि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है अगर आप हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हैं। रोज कम से कम 30-45 मिनट का व्यायाम जरूर करें। एक दिन में केवल 10 मिनट की नियमित शारीरिक गतिविधि से भी मदद मिलेगी। साथ ही आपके शरीर की जरूरतों को जानें। थाइरोइड में केला फायदेमंद होता है। एक हफ्ते में 2-3 बार तक इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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