
Chhath Puja 2020: छठ पूजा के दौरान पानी के आसपास पनपे हुए मच्छर आपको बना सकते हैं डेंगू का शिकार, जानें इससे बचाव के लिए सावधानियां।
छठ के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु घाट पर पूजा के लिए और सूर्य को अर्घ्य देने के लिए इकट्ठा होते हैं। पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार में छठ को महापर्व माना जाता है। इसलिए इन इलाकों में लोग इस दिन को लेकर विशेष उत्साहित होते हैं। छठ का पर्व 4 दिन तक चलता है। इस पर्व में पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस बार कोरोना वायरस के खतरों के चलते दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा करने की पाबंदी लगाई गई है और इस दिन सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की गई है। जिन जगहों पर लोग छठ पूजा मना रहे हैं, उन्हें भी इस दिन के लिए विशेष तैयारी करनी चाहिए। पानी के आसपास इलाकों में इन दिनों मच्छर खूब पनपते हैं। इसलिए कोरोना वायरस के साथ-साथ डेंगू से सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को डेंगू से बचने के लिए कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए आपको बताते हैं क्या हैं वे सावधानियां।
अर्घ्य देते समय बरतें सावधानी
सूर्य के अर्घ्य देने के लिए बहुत सारी महिलाएं पूरी गर्दन तक पानी में डूबती हैं। ऐसे में अगर पानी गंदा है, तो पानी में पूरा डूबने से बचें और अर्घ्य देने के बाद गंदे पानी से न नहाएं। गंदे पानी में नहाने से न सिर्फ डेंगू बल्कि कई तरह की त्वचा संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गंदे और केमिकलयुक्त पानी में सिर डुबाने से बाल झड़ने और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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शरीर को ढक कर रखें
छठ पूजा के दौरान महिलाएं अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक कर रखें ताकि मच्छर न काट सकें। डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं इसलिए घाट पर जाते समय पूरी बांह के कपड़े पहनें और अर्घ्य देने के बाद भी अपने शरीर को ढक कर रखें।
मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग
घाट पर जाने से पहले शरीर के खुले हुए हिस्सों पर मच्छररोधी क्रीम लगाएं। इससे मच्छर आपको नहीं काटेंगे और डेंगू नहीं होगा। बाजार में ढेर सारी मच्छररोधी क्रीम उपलब्ध हैं। मगर इन्हें इस्तेमाल करते समय ध्यान दें कि हानिकारक केमिकलयुक्त खुली दवाओं का प्रयोग न करें क्योंकि ये त्वचा के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
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गंदे पानी में जाने से बचें
अर्घ्य देने के लिए ऐसी जगह का चुनाव न करें, जहां बहुत ज्यादा गंदगी हो। कुछ लोग नालों और गंदी नदियों में भी अर्घ्य देते हैं, जहां डेंगू के मच्छर पाए जाने की संभावना काफी ज्यादा होती है। डेंगू एक खतरनाक बीमारी है इसलिए सुरक्षा ही इस बीमारी से बचाव का रास्ता है।
बच्चों और बुजुर्गों का रखें खयाल
पूजा के दौरान घाट पर घर के अन्य सदस्य भी जाते हैं। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों को डेंगू के मच्छरों से सावधान रहने की विशेष जरूरत है। बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाएं। बुजुर्ग लोगों को भी इस दौरान अपने शरीर को पूरी तरह ढक कर रखना चाहिए।
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