
अगर आपको रात को मोबाइल फोन साथ में लेकर सोने की समस्या है तो ये खबर पढ़ लें। इलेक्ट्रिनक डिवाइस साथ में लेकर सोने से आंख व त्वचा में जलन की समस्या पैदा होती है।
आए दिन दुनिया के कई देशों में सैमेसेंग गैलेक्सी नोट 7 की बैटरी में आग लगने की खबर सुनने में आ रही है। स्मार्टफोन व टैबलेट्स जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में आग लगने और उनके फटने की दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में इन इलेक्ट्रिनक डिवाइसेज को साथ में लेकर सोने वाले लोगों के लिए सतर्क होने का समय आ गया है। क्योंकि इसकी बैटरी के फटने के अलावा भी इससे एक बहुत बड़ा नुकसान है।
इन डिवाइसेज से निकलती है खतरनाक गैसें
आपके पसंदीदा स्मार्टफोन व टैबलेट्स जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से दर्जनों खतरनाक गैसें निकलती है जिसे लेकर अब शोधकर्ताओं ने भी चेतावनी जाहिर कर दी है। हाल ही में शोधकर्ताओं की एक टीम ने इन डिवाइसेज की लिथियम-आयन बैटरियों से निकलने वाली सौ से अधिक जहरीली गैसों की पहचान की है जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड भी शामिल है। इन गैसों की वजह से आंख, त्वचा व नाक में जलन की समस्या पैदा होती है। इन गैसों से आपके आसपास के इलाके पर भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचता है।
यह शोध चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस एंड सिन्गुहा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है जिनका कहना है कि, अभी भी बहुत सारे लोग स्मार्टफोन के बहुत अधिक गर्म होने या खराब चार्जर से चार्ज करने के खतरों को लेकर अनजान हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस के प्रोफेसर जी सन ने कहा, 'आजकल दुनिया भर में लोग लिथियम ऑयन बैटरी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें इसके खतरों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।'
नोट- पूरी तरह से किसी भी पूरी तरह चार्ज स्मार्टफोन की बैटरी से, 50 प्रतिशत चार्ज बैटरी की तुलना में अधिक विषैली गैसें निकलती हैं।
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