
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने मानव त्वचा में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाला एक रसायन की खोज करने का दावा किया है जो मच्छरों को आपसे दूर रख सकता है।
कई बीमारियों की वजह है। मच्छरों के कारण ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं। वैज्ञानिक अभी तक मच्छरों से निपटने का पूरी तरह कारगर उपाय नहीं तलाश पाए हैं। लेकिन, लगता है कि अब इस समस्या से निजात मिल सकती है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने मानव त्वचा में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाला एक रसायन की खोज करने का दावा किया है जो मच्छरों को आपसे दूर रख सकता है।
अमेरिकन केमकिल सोसायटी की बैठक के दौरान शोधकर्ताओं ने ऐसे पदार्थों के बारे में बताया जिनसे मच्छरों की अपने शिकार को सूंघने की क्षमता खतम हो जाती है।
अमेरिकी कृषि विभाग के डॉक्टर अलरिच बर्नियर ने बताया कि "जब आप मच्छरों से भरे एक पिंजरे में हाथ डालें जिसमें हमने कुछ रसायनों का छिड़काव किया है तो सभी मच्छर दीवारों पर ही बैठे रहते हैं और उन्हें देखकर यह समझा जा सकता है कि उन्हें वहां हाथ होने का पता भी नहीं है। हम इसे इनोस्मिया या हाइपोस्मिया कहते हैं, गंध सूंघने की अक्षमता या गंध सूंघने में कमजोरी।"
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस रसायन को लगाने से इंसान कीड़ों के लिए लगभग अदृश्य हो जाता है। जब इन रसायनों को लगाकर एक हाथ को मच्छरों से भरी जगह में रखा गया तो मच्छरों ने उसे पूरी तरह अनदेखा कर दिया।
शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि उनके इस शोध से कई घातक बीमारियों को फैलाने से रोकने में मदद मिल सकेगी। मच्छर बीमारी फैलाने वाले सबसे ख़तरनाक प्राणियों में से एक हैं ये मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक मलेरिया से वर्ष 2010 में 6 लाख 60 हज़ार लोगों की मौत हुई थी।
इस शोध को प्रस्तुत करने वाले अलरिच बर्नियर ने कहा कि उनकी टीम 'डीट' नाम के मच्छर रोधी रसायन का विकल्प ढूंढ़ रही है। क्योंकि कई लोग इस रसायन को लगाना पसंद नहीं करते।
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