
इस अनुंसधान में यह पाया गया कि इस प्रोटीन का स्तर प्रत्येक आदमी में अलग होता है।
एक अनुसंधान के अनुसार, यह बात सामने आयी है कि शराब पीने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, सेलुलर तंत्र नशा करने वालों में विषाक्त पदार्थ हटाता है जो अन्य प्रकार के टॉक्सिन्स को पैदा करते हैं और ब्रेस्ट कैंसर के कारण बनते हैं।
यह रिसर्च फार्मोकोलॉजी और टॉक्सिकोलॉजी के प्रोफेसर मारिया डी लॉर्ड्स रोड्रिज फ्रेगोसो द्वारा मेक्सिको के बाहर यूनिवर्सिडेड ऑटोनामाडेल स्टेडो डी मोरेलोस में किया गया। उन्होने कहा कि इथेनॉल या शराब स्तन कैंसर के जोखिम को बढाता है क्योंकि शराब, शरीर के सेलुलर तंत्र से टॉक्सिन्स निकालने वाले तंत्र को प्रभावित करता है। हालांकि शराब को ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम के रूप में कभी नहीं देखा गया, ऐसा पहले कभी भी प्रमाणित नहीं हुआ था।
रोड्रिज फ्रेगोसो ने अपने साथियों के साथ अनुसंधान करके यह दावा किया है कि CYP2E1 एक प्रोटीन है। यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि इथेनाल के प्रभाव को कम करता है। यह शरीर में ज्यादा प्रतिक्रियाशील केमिकल्स को पैदा करता है जिसे मुक्त कण कहा जाता है। टीम ने पहले यह खोज की थी कि मुक्त कण उन सेलुलर तंत्र से जुडे होते हैं जो कि ट्यूमर के विकास के लिए कारण बनते हैं।
पहले यह सवाल था कि CYP2E1 की उपस्थिति में इथेनाल कैंसर की कोशिकाओं को कैसे प्रेरित करता है। शोधकर्ताओं ने स्तन ग्रंथि की कोशिकाओं में इस बात का पता लगाया जिनकी उनको आवश्यकता थी। उन्होंने पाया कि इथेनाल मुक्त कणों को बढाता है जो कि स्तन ग्रंथि की कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं और यह कैंसर को बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कैंसर की कोशिकाओं का अनियंत्रित तरीके से बढना सभी प्रकार के कैंसर का लक्षण है। शोधकर्ताओं ने यह पाया है, कि जिन महिलाओं में CYP2E1 प्रोटीन का स्तर ज्यादा था उनमें ब्रेस्ट कैंसर के बढने की संभावना ज्यादा थी, जो शराब का सेवन करती थीं। शोधकर्ताओंने इस बात की पुष्टि की। इस टीम ने स्वस्थ महिलाओं के स्तन के विकास के समय CYP2E1 के स्तर की जांच शुरू की।
इस अनुंसधान में यह पाया गया कि इस प्रोटीन का स्तर प्रत्येक आदमी में अलग होता है। क्योंकि हर आदमी में शराब का असर एक जैसा नहीं होता है। शराब पीने में बरती गई सावधानी से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम हुए है। शोधकर्ताओं ने यह निर्णय निकाला कि ब्रेस्ट कैंसर का निदान इस बात को दर्शाता है कि ब्रेस्ट के ऊतकों में कैंसर का विकास CYP2E1 स्तर पर निर्भर करता है। रोड्रिज फ्रेगोसो ने कहा कि रिसर्च ब्रेस्ट कैंसर से जुडे मौतों को कम करने में बहुत ही कारगर होगा।
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