
जर्नल न्यूट्रियंट में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, साबुत मूंग दाल से बना प्रोटीन सप्लीमेंट बिना एक्सरसाइज के आपकी मांसपेशियों को मजबूत बना सकता है और आपकी स्ट्रेंथ को दोगुना कर सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें लेख।
एक नए अध्ययन के मुताबिक, साबुत मूंग दाल से बना प्रोटीन सप्लीमेंट बिना एक्सरसाइज के आपकी मांसपेशियों को मजबूत बना सकता है। अध्ययन के मुताबिक, प्लांट बेस्ड डाइट (शाकाहार आहार) इन दिनों कई कारणों से लोगों के बीच प्रसिद्ध हो रहे हैं। शाकाहारी आहार क्रॉनिक डिजीज से सुरक्षा, प्रोटीन सहित पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं।
क्या कहता है अध्ययन
जर्नल न्यूट्रियंट में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि साबुत मूंग प्रोटीन सप्लीमेंट ने उन लोगों की स्ट्रेंथ को बेहतर बनाने का काम किया जिन्होंने ट्रायल से पहले अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाने के तौर पर इस सप्लीमेंट का प्रयोग किया था। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ हेल्थ सॉल्यूशन की प्रोफेसर कैरोल जॉनस्टोन और क्रिस वॉर्टन ने लिखा, ''शाकाहारी आहार क्रॉनिक डिजीज से सुरक्षा, प्रोटीन सहित पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि प्लांट बेस्ड सोर्स की जैव उपलब्धता काफी कम होती है।''
मांसाहार में प्रोटीन को पचाना आसान
जैवउपलब्धता से मतलब है कि हम एक पोषक तत्व को कितनी आसानी से अवशोषित कर सकते हैं, जो कि पोषक तत्वों के सोर्स पर अलग-अलग हो सकता है। दरअसल इंसान, मांसाहार से प्राप्त प्रोटीन को बड़ी आसानी से अवशोषित कर लेता है जबकि शाकाहार फूड से प्रोटीन को अवशोषित करना उतना ही मुश्किल होता है। लेकिन साबुत मूंग दाल प्रोटीन मांसाहार का सेवन नहीं करने वालों के लिए एक बेहद अच्छा सप्लीमेंट साबित हो सकता है।
इसे भी पढ़ेंः कब और कैसे लें ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)की दवाईयां, जानें सही वक्त
मूंग दाल प्रोटीन के फायदे
अध्ययन के लिए, जॉनस्टन और वॉर्टन ने कम शाकाहार लेने वाले 37 लोगों में प्रोटीन लेने, स्ट्रेंथ और लीन बॉडी मास (एलबीएम) के बीच संबंधों को जांचा। आठ सप्ताह के लिए इस छोटे समूह को साबुत मूंग दाल प्रोटीन सप्लीमेंट दिया गया। ट्रायल के अंत में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने ट्रायल से पहले अपनी स्ट्रेंथ के मुताबिक स्पलीमेंट लिया उनकी स्ट्रेंथ पहले की तुलना में बेहतर हुई।
Buy Online:BSD Organics Powder of Daily NeedZ Green Gram/Mung Beans/Pacha pairu - 200 G & MRP.360.00/-only.
प्लांट बेस्ड डाइट से क्यों नहीं होता फायदा
इस शोध का मुख्य लक्ष्य प्लांट बेस्ड डाइट अपना रहे लोगों के लिए सरकार द्वारा प्रोटीन की रोजाना मात्रा के सेवन को बढ़ाना था। जॉनस्टन ने कहा कि दरअसल पौधों में बहुत से ऐसे तत्व होते हैं, जो प्रोटीन के अवशोषण को बाधित करते हैं। उदाहरण के लिए फाइबर। फाइबर एक एंटी-न्यूट्रियंट है, जो पाचन को रोकता है या उसे धीमा करता है। इतना ही नहीं ये अपने आस-पास मौजूद सभी प्रकार के पोषक तत्वों को अवशोषित करने में बाधा पैदा करता है। जबकि मीट और डेयरी उत्पादों में किसी प्रकार का फाइबर नहीं होता, इसलिए प्रोटीन का पाचन बिल्कुल बाधित नहीं होता। इसलिए जब भी कोई मांसाहार खाता है तो उसे प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलता है जबकि पौधों में ऐसा नहीं हो पाता।
इसे भी पढ़ेंः खाना-खाने के बाद पीएं अमरूद की चाय 2 घंटे तक कंट्रोल रहेगा आपका ब्लड शुगर, जानें बनाने की विधि
मूंग दाल ही क्यों
मूंग दाल एक फलीदार पौधा होता है, जिसमें सेब और केले के मुकाबले अन्य पौधों की तुलना में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है। इसलिए अगर आप शाकाहारी हैं तो आपको प्रोटीन फूड सोर्स के रूप में फलीदार पौधों का सेवन जरूर करना चाहिए। और साबुत मूंग दाल एक ऐसा फलीदार पौधा है, जिसे बहुत तेजी से बढ़ाया जा सकता है इसलिए यह हमारे लिए बहुत अच्छा है। हालांकि मूंगफली भी प्लांट बेस्ड प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है और वाकई सबसे अच्छों में से एक है। किसी भी प्रकार का फलीदार पौधा प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होता है।
Read more articles on Health News in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।