
आज बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला का 49वां जन्मदिन है। 2012 में मनीषा कोइराला ओवरियन कैंसर का शिकार हुई थीं। जानें कैसे उन्होंने इस खतरनाक कैंसर से खुद को बचाया और बॉलीवुड में वापसी की।
बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला का आज जन्मदिन है। मनीषा इस साल अपना 49वां बर्थडे मनाएंगी। 4 बार फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित मनीषा कोइराला अपनी खूबसूरती की वजह से एक समय इतनी चर्चित थीं, कि उनके फैंस उन्हें अपने खून से लिखकर चिट्ठियां भेजते थे। 1991 में फिल्म 'सौदागर' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली मनीषा कोइराला की जीवन यात्रा बहुत रोमांचक है।
नेपाल के प्रधानमंत्री परिवार से ताल्लुक रखने वाली मनीषा कोइराला ने एक से एक हिट फिल्में दीं हैं। उन्होंने शाहरूख खान, सलमान खान, आमिर खान, गोविंदा, अनिल कपूर, दिलीप कुमार और राजकुमार जैसे बड़े एक्टर्स के साथ काम किया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। साल 2012 में मनीषा ओवरियन कैंसर का शिकार हुईं, जिसके बाद उन्हें फिल्मों से ब्रेक लेना पड़ा। मगर कैंसर के सफलतापूर्वक इलाज के बाद पिछले साल फिल्म 'संजू' में नजर आईं, जिसमें उन्होंने संदय दत्त की मां नरगिस का किरदार जीवंत कर दिया था।
इसके अलावा मनीषा ने हाल में ही एक किताब पूरी की है, जिसमें उन्होंने 2012 के दौरान ओवरियन कैंसर से अपने संघर्ष की कहानियां लिखी हैं। मनीषा कोइराला बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिन्हें मिल चुका है।
क्या है मनीषा कोइराला के कैंसर से संघर्ष की कहानी
मनीषा को 2012 में ओवरियन कैंसर का पता चला। इसके बाद मनीषा इलाज के लिए 6 महीने के तक अमेरिका में रहीं। लगातार संघर्ष और मजबूत इच्छाशक्ति से मनीषा ने 2015 में कैंसर से जिंदगी की जंग जीत ली। मनीषा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कैंसर के इलाज के बाद वो एलियन जैसी दिखने लगी थीं। उनके बाल झड़ चुके थे। फिर भी उनके मन में विशवास था कि वो ये संघर्ष जीतेंगी। उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी से घबराने की जरूरत नहीं है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझने के बाद भी मनीषा फिर से फिल्मी दुनिया में सक्रिय हो गई हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है ओवरियन कैंसर और कितना खतरनाक है ये।
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क्या है ओवरियन कैंसर या गर्भाशय का कैंसर
ओवरियन कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला पांचवा सबसे खतरनाक कैंसर है, जिसके कारण हर साल लाखों महिलाओं की मौत हो जाती है। आमतौर पर इस कैंसर का पता तब चलता है जब ये कैंसर पेल्विस और पेट तक पहुंच जाता है। ओवरियन कैंसर का इलाज कठिन होता है और कई ज्यादातर मामलों में ये जानलेवा साबित होता है। इस प्रकार के कैंसर में महिला के गर्भाशय में कुछ कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है।
ओवरियन कैंसर या गर्भाशय कैंसर के लक्षण
- नियमित रूप से पीरियड्स न होना।
- शरीर पर कहीं भी अनचाहे बालों का उगना।
- गर्भधारण के दौरान समस्या होना।
- अचानक मोटापा बढ़ना।
- पेट में भरीपन या फुलाहुआ महसूस होना।
- बार-बार पेट में दर्द होना।
- बहुत अधिक गैस बनना, दस्त लगना।
- पेल्विक पेन की शिकायत होना, कमर दर्द या फिर खट्टी डकारें आना।
- संभोग के दौरान दर्द की शिकायत होना।
- जरूरत से ज्यादा बार पेशाब जाना।
- अचानक वजन कम होना।
- वैजाइनल ब्लीडिंग होना।
ओवरियन कैंसर के बारे में जरूरी बातें
- ओवरियन कैंसर का इलाज संभव है अगर सामान्य लक्षणों को देखकर शुरुआत में ही इसका इलाज किया जाए।
- यदि समय से पहले या फिर शुरूआती अवस्था में ओवरियन कैंसर को पहचान लिया जाए तो तकरीबन 90 फीसदी मामलों को कंट्रोल किया जा सकता है।
- ओवरियन कैंसर का इलाज सर्जरी व कीमोथैरेपी से संभव है।
- मेनोपॉज के बाद ओवरी की कार्यक्षमता कम हो जाती है जिससे यूटरस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपको समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।
- आमतौर पर ओवरियन कैंसर कुछ बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप,मोटापे, अत्यधिक तनाव, मेनोपोज, एनीमिया या इसी तरह के कारणों से होता है।
- कुछ आनुवांशिक कारण हों तो कई बार प्रेगनेंसी के दौरान ओवरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- 30 साल की उम्र के बाद पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में भी ओवरियन कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है।
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