
कैंसर रिसर्च यूके के शोध की मानें तो कैंसर के कारण हो रही मौतों की दर घट रही है और कैंसर के मरीज एक दशक से अधिक जीवित रह सकते हैं।
कैंसर के जल्दी निदान के बाद इसका उपचार हो सकता है और रोगी की जान बचायी जा सकती है। कैंसर रिसर्च यूके के एक शोध के आंकड़े भी यही बताते हैं कि इंग्लैंड और वेल्स में अभी जिन लोगों का कैंसर का उचारा चल रहा है, वो कम से कम एक दशक जिंदा रहेंगे। 1970 के बाद से कैंसर से पीड़ित मरीजों की जिंदा यह दर लगभग दोगुनी है। कैंसर रिसर्च यूके की मानें तो कैंसर पीड़ितों के जिंदा रहने की दर में प्रगति यह दिखाती हैं कि नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने की आवश्यकता है।
कैंसर रिसर्च यूके के विश्लेषण से पता चलता है कि 1971-72 में कैंसर से ग्रस्त 50 प्रतिशत लोगों की एक साल के भीतर ही मौत हो जाती थी। वहीं अब लगभग 50 फीसदी कैंसर पीड़ित एक दशक तक जीते हैं। हालांकि 1971-72 में यह दर 24 प्रतिशत ही थी।
ये आंकड़े लगभग 70 लाख कैंसर रोगियों से मिले परिणाम पर आधारित हैं। इससे यह भी पता चलता है कि कैंसर के कुछ मामलों में जिंदा रहने की दर अभी भी बहुत कम है।
उदाहरण देखें तो अग्नाशय कैंसर के एक प्रतिशत मामलों और फेफड़ों के कैंसर के केवल पांच प्रतिशत मामलों में ही पीड़ित 10 साल तक जिंदा रहते हैं।
कैंसर रिसर्च यूके के मुख्य कार्यकारी चिकित्सक हरपाल कुमार कहते हैं, ''मुझे लगता है कि हमने जो हासिल किया है, उसके बारे में कभी सोचा नहीं था। हम धीरे-धीरे इस घातक बीमारी के खतरे को कम करने में सफल हो रहे हैं।''
अगर ऐसी ही सफलता मिलती रही और जल्द ही 75 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कैंसर के प्रति लोगों में जागरुकता फैलायी जाये।
source - bbc.com
Read More Health News in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।