
हमारे मस्तिष्क व शरीर का विकास आयोडीन जैसे प्राकृतिक तत्व पर निर्भर करता है।
स्वस्थ शरीर के लिए आयोडीन ज़रूरी है और इसकी कमी से होने वाले विकार को आयोडीन अल्पता विकार कहा जाता है। हमारे मस्तिष्क व शरीर का विकास आयोडीन जैसे प्राकृतिक तत्व पर निर्भर करता है।
आयोडीन की कमी से होने वाली समस्याएं:
• आयोडीन की कमी से होने वाली सबसे आम बीमारी है घेंघा, इसमें गलग्रन्थि (थायरायड ग्लैण्ड) में बडी गिल्टी बन जाती है। इसे गोयटर भी कहते हैं।
• आयोडीन की कमी से जटिल स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
• गर्भावस्था के दौरान इसकी कमी होने पर बच्चा आसामान्य हो सकता है और एबार्शन की स्थिति भी आ सकती है।
• मां के शरीर में आयोडीन की कमी होने पर बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास हमेशा के लिए रूक जाता है। इस स्थिति को क्रेटिन कहते हैं, इस स्थिजति में बच्चाच ठीक प्रकार से चलने, फिरने या बोलने में असमर्थ होता है।
आयु और आयोडीन की मात्रा:
• अगर आपका शिशु लगभग 12 माह का है, तो उसे 50 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता दें।
• 2 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों में लगभग 91 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है।
• 7 से 12 वर्ष के स्कूल जाने वाले बच्चों को 118 मिलीग्राम आयोडीन लेना चाहिए।
• 12 वर्ष से अधिक उम्र के किशोरों को लगभग 151 मिलीग्राम लेना चाहिए।
• गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लगभग 199 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है।
आयोडीन की आपूर्ति के लिए:
• आयोडीन युक्त नमक ही खायें
• आहार में अण्डे, दूध शामिल करें
• मल्टिमविटामिन लें
• फलों व सब्जि़यों का सेवन करें
हालांकि शरीर में आयोडीन की बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है, लेकिन इस मात्रा में थोड़ी सी भी कमी किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है
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