
हर रोज़ दवाईयां और सप्लीमेंट्स खाने से बेहतर है वर्कआउट। इससे ज़्यादा फायदे होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि 50 साल से ऊपर के इंसान को वर्कआउट करने वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
एक्सरसाइज़ करने से आप बीमारियों से दूर रहते हैं, स्किन पर ग्लो रहता है और मन में शांति भी। 50 साल से ऊपर के इंसान के लिए भी वर्कआउट ज़रूरी होता है। अगर सीनियर्स दिन में थोड़ी सी कसरत भी कर लें, तो भी वो हेल्दी जीवन जी सकते हैं। नौजवानों के लिए वर्कआउट एनर्जी का स्रोत है और उन्हें इस स्ट्रेसफुल लाइफ में एक्टिव रखता है। जो इंसान रेगुलर एक्सरसाइज़ करता है, वो बीमारी से जल्दी रिकवर भी हो जाता है। और-तो-और, ऐसे फिट इंसान की मेंटल हेल्थ भी ठीक रहती है। हर रोज़ दवाईयां और सप्लीमेंट्स खाने से बेहतर है वर्कआउट। इससे ज़्यादा फायदे होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि 50 साल से ऊपर के इंसान को वर्कआउट करने वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आज वर्कआउट करेंगे तो ही आपका बुढ़ापा रहेगा फिट
1- वॉक करें
हफ्ते में चार दिन हर रोज़ 30 मिनट के लिए वॉक करें। इससे आप चुस्त रहेंगे। डॉक्टर्स की मानें तो अगर आप हर रोज़ 15 मिनट भी वॉक कर लें, तब भी आपको फायदा होगा। सिर्फ यही नहीं, वॉक के दौरान वेट-रीज़िस्टन्स बैंड बांधने से भी हड्डियां मज़बूत होती हैं और मसल टोन इम्प्रूव होती है।
2- कुछ सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं
अगर आपने काफी लम्बे समय से एक्सरसाइज़ नहीं की है, तो कुछ सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं। सबसे पहले तो एकदम बहुत ज़्यादा वर्कआउट ना करें। यानी अगर आप 30 मिनट सैर करते थे, तो शुरुआत 10 मिनट की सैर से करें। अगर आपको चलने-फिरने से दर्द होती है, तो एक्सरसाइज़ करने से पहले इसकी दवाई ज़रूर लें। इस उम्र में थोड़ी-बहुत दर्द तो होती ही है, लेकिन एक्सरसाइज़ करने से इंसान एक्टिव रहता है। खुद को 20 या 30 साल के इंसान से कम्पेयर ना करें, क्योंकि ज़ाहिर सी बात है कि वो 50 साल की उम्र के इंसान से ज़्यादा एक्टिव होगा। एक्सरसाइज़ करने से पहले, वॉर्म-अप ज़रूर करें। इससे आपको दर्द कम होगा और आप आराम से वर्कआउट कर पाएंगे। बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ेगी और ज्वाइंट्स की इंजरी भी कम होगी।
3- एक्सरसाइज़ करते वक्त डरे नहीं
अगर आपको वर्कआउट के दौरान डर लगता है कि आप गिर जाएंगे, तो आराम-आराम से करें। बाद में रेगुलर वॉकिंग और एक्सरसाइज़ से आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा और बॉडी में स्ट्रेंथ भी आएगी। अगर आप फिर भी इंजरी से डर रहे हैं, तो किसी प्रोफेशनल से बात करें। कोई भी फिज़िकल थेरेपिस्ट आपको बता देगा कि आप कितना बैलेंस कर सकते हैं, आपमें स्ट्रेंथ कितनी है और स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए कौनसे वर्कआउट्स ज़रूरी हैं। अगर आपको हार्ट या लंग्स से जुड़ी कोई समस्या है, तो किसी भी तरह का वर्कआउट शुरू करने से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।
4- 'सिनियर्स-ओनली' एक्टिविटी को लिमिट ना समझें
अगर आपको लगता है कि आप दूसरी एक्सरसाइज़ क्लास ज्वाइन नहीं कर सकते, तो आप गलत हैं। आप चाहें तो अपने फिज़िकल थेरेपी सेशन के अलावा कुछ और नए वर्कआउट्स भी सीख सकते हैं। ज़रूरी नहीं है कि जो एक्सरसाइज़ 30 साल का इंसान करता है, वो आप नहीं कर सकते। अगर आप इतने एक्टिव और कॉन्फिडेंट हैं, तो ट्राय कर सकते हैं। इससे आप फ्रेश महसूस करेंगे, लेकिन पहले अपने इंस्ट्रक्टर से ज़रूर बात कर लें।
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