
अगर आपका बच्चा भी पैनिक अटैक का अक्सर शिकार होता है तो इस स्थिति से निपटने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके, जो तुरंत करेंगे बच्चों की घबराहट कम।
पैनिक अटैक (Panic Attacks) अचानक, डर, घबराहट या चिंता के तीव्र लक्षण हैं, जो एक गंभीर स्थिति को पैदा कर देते हैं। पैनिक अटैक की इस स्थिति में कई शारीरिक और भावनात्मक लक्षण होते हैं। पैनिक अटैक वाले कई लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है, पसीना आना, कांपना और इसके अलावा उनके दिल की धड़कनें तेज होने लगती है। ऐसा सिर्फ बड़े या बुजुर्गों को नहीं बल्कि बच्चों को भी इसका सामना करना पड़ सकता है। बच्चे के लिए ये अटैक काफी डरावने हो सकते हैं और ये जल्दी से मार सकते हैं। इससे बच्चों का बचाव करने या बच्चों में आए इस अटैक से निपटने के लिए हम आपको इस लेख में कुछ तरीके बताते हैं जिससे आप बच्चों में पैनिक अटैक की स्थिति को रोक सकते हैं।
गहरी सांस लें
हाइपरवेंटीलेटिंग पैनिक अटैक (Panic Attacks) की स्थिति में बच्चों का एक लक्षण है जो डर को काफी हद तक बढ़ा सकता है, ऐसे में उन्हें गहरी सांस दिलाएं इससे उनकी घबराहट को कम करने में मदद मिल सकती है। बच्चों को बताएं कि अगर उन्हें कभी पैनिक अटैक का सामना करना पड़े तो उन्हें इस स्थिति के दौरान तुरंत अपने मुंह से गहरी सांस लेनी चाहिए, महसूस करें कि हवा धीरे-धीरे आपकी छाती और पेट को भरती रहे और फिर धीरे-धीरे सांस को फिर से छोड़ दें। ये आपको सामान्य स्थिति में लाने में काफी मदद करेगी।
अपनी आंखें बंद कर लें
कुछ पैनिक अटैक अचानक से आते हैं जो बच्चों को काफी प्रभावित करते हैं। अगर कोई भी बच्चा बहुत ज्यादा उत्तेजनाओं में है तो इसे कम करने के लिए अपनी आंखें तुरंत बंद करें। यह किसी भी अतिरिक्त उत्तेजना को अवरुद्ध कर सकता है और आपके श्वास पर ध्यान केंद्रित करने में काफी सहायत होता है।
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मांसपेशियों की विश्राम तकनीकों का इस्तेमाल करें
आपके शरीर की मांसपेशियां इस पैनिक अटैक की स्थिति को सामान्य करने में काफी मददगार होती है। इसके लिए बच्चे की मांसपेशी को आराम देने की कोशिश करें, बच्चे के हाथ की उंगलियों को आराम देते हुए उनकी सभी मांसपेशियों को आराम दें। इसके लिए आप बच्चों को पहले से भी बता सकते हैं कि इस स्थिति में आप अपनी बॉडी और मांसपेशियों को रिलैक्स करने की कोशिश करें।
हैप्पी प्लेस का चित्र याद करें
बच्चे अक्सर उन चीजों को सोचकर या देखकर खुश और तनावमुक्त होते हैं जो उनके लिए काफी हैप्पी होती है या हैप्पी प्लेस (Happy Place) होती है। इस स्थिति में आप उनकी पसंदीदा जगह के बारे में बताएं या उस जगह के चित्र को उन्हें बताने काम करें। पहाड़ियों, नदी जैसी तमाम चीजों की मदद से आप बच्चे को शांत कर सकते हैं। बच्चों को भी बताएं कि अगर आपको कभी ऐसा अटैक महसूस हो तो आप उन चीजों या जगहों के बारे में सोचें जो आपको बहुत खुश और तनावमुक्त करती हों।
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लैवेंडर का इस्तेमाल करें
लैवेंडर किसी को भी तनावमुक्त और राहत देने का काम कर सकता है, इन स्थितियों के लिए ये काफी आसान उपाय है। यह आपके शरीर को आराम करने में मदद कर सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चो को घबराहट के दौरे पड़ने का खतरा है, तो आप तुरंत अपने बच्चे के हाथ पर कुछ लैवेंडर ऑयल रखें और घबराहट के दौरे के लक्षण दिखने पर तुरंत उन्हें लैवेंडर ऑयल के साथ सांस लेने को कहें या आप खुद अपने हाथ पर लैवेंडर ऑयल को रखकर इसके साथ बच्चे को सांस लेने को कहें।
बच्चों को पैनिक अटैक की स्थिति से रोकना बहुत जरूरी होता है, नहीं तो ये बच्चों को किसी गंभीर स्थिति का शिकार बना सकता है। इससे बचने के लिए आप बच्चों को पहले से इन तरीकों के बारे में जानकारी दें।
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