होम्योपैथी के जरिये भी बिना किसी साइड इफेक्ट के डेंगू का कारगर इलाज संभव है।
बरसात के मौसम में डेंगू बहुत तेजी से फैलता है। यह बीमारी एडीज इजीप्टी नाम के मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। इस बीमारी से न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के लोग भी इससे परेशान हैं। यूं तो डेंगू के इलाज के लिए लोग एलोपैथी का सहारा लेते हैं, लेकिन होम्योपैथी के जरिये भी बिना किसी साइड इफेक्ट के डेंगू का कारगर इलाज संभव है।
होम्योपैथिक इलाज
डेंगू के होम्योपैथिक इलाज के दौरान दवाओं के साथ-साथ रोगी को डॉक्टर की निगरानी में खून में प्लेटलेट्स और लियूकोसाइट्स की काउंटिग कराते रहना चाहिए। होम्योपैथिक दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है इसलिए इसे गर्भवती महिलाओं को भी दी जा सकती है। जैसे ही रोगी को बुखार महसूस हो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराना चाहिए। डेंगू बुखार को अगर हल्के में लिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
लक्षण
डेंगू में तेज बुखार के साथ शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द होता है। जोड़ों में अत्यधिक दर्द के कारण रोगी चल-फिर नहीं सकता। इसी कारण इसे 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहते हैं। इसके साथ सिरदर्द, आंखों के आसपास दर्द होता है। आंखें लाल हो जाती हैं और पानी बहता है। उल्टी आना, जी घबराना, भूख नहीं लगना तथा नींद नहीं आना भी होता है।
मच्छरों से बचने के उपाय
- किसी भी खुले बर्तन व गडढ़े में पानी इक्ट्ठा नहीं होने दें। अगर आप बाल्टी या किसी बर्तन में पानी इक्टठा करके रखते हैं तो इसे ढ़कना नहीं भूलें।
- नाली में पानी बहते रहना चाहिए।
- कूलर के पानी में डेंगू के मच्छरों के पैदा होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए साफ सफाई व कीटनाशक दवाओं का प्रयोग जरूर करें।
- अपने नगर निगम द्वारा मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करवाएं।
- खिड़की व दरवाजों में जाली लगाकर रखना चाहिए। जिससे मच्छर घर में नहीं आ सकें।
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। रात को मच्छरदानी लगाकर ही सोएं।
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