थायराइड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, विशेषकर महिलाओं में इसके लक्षण ज्यादा देखने को मिलते हैं। थायराइड को कई लोग 'साइलेंट किलर' मानते हैं, क्योंकि इसके लक्षण मेडिकल स्थिति के सबसे आखिरी चरण में दिखाई देते हैं। थायराइड दो प्रकार के होते हैं- हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म। थायरॉयड ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर में अन्य हार्मोन की संवेदनशीलता को नियंत्रित करती है। उम्र बढ़ने के साथ थायराइड रोग का खतरा बढ़ जाता है। थायराइड शरीर के चयापचय की दर को धीमा कर देता है। इसका मतलब यह है कि आपके द्वारा खाया गया भोजन आपकी ऊर्जा की जरूरतों के लिए उचित रूप से उपयोग नहीं किया जा रहा है। नतीजतन, वसा और वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। थायराइड के लक्षणों में चक्कर आना, मतली आदि शामिल हो सकते हैं।
दवाओं पर निर्भर होने के अलावा, ज्यादातर मामलों में वजन को प्रबंधित करने की दिशा में काम करना आवश्यक है। योग व्यायाम का एक ऐसा रूप है, जो न केवल वजन को प्रबंधित करने में मदद करता है, बल्कि ज्यादातर मामलों में थायराइड के लक्षणों को भी कम करता है। थायराइड के लिए कुछ आसान योग आसन हैं, जिनके बारे में जानकारी दे रही हैं- योग विशेषज्ञ शिखा मेहरा।
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