स्तनपान न सिर्फ नवजात शिशु के लिए बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है। शिशु के संपूर्ण विकास के लिए स्तनपान जरूरी है। स्तनपान से शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे शिशु को अस्थमा, डायरिया जैसी बीमारियां नही होती हैं। मां के दूध से बच्चों की मांसपेशियां और हड्डियां भी मजबूत होती हैं। मां के पहले दूध में जो पोषक तत्व होते हैं उसका अभी तक कोई विकल्प नहीं मिला है। इसीलिए दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने ये माना है कि स्तनपान से शिशु मृत्युदर में कमी लाई जा सकती है।
स्तनपान कराने से माताओं का अपने शिशु के प्रति जुड़ाव बढ़ता है। स्तनपान से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। स्तनपान एक प्राकृतिक क्रिया है, जिसके तहत एक मां अपने शिशु को जन्म देने के बाद उसे अपना पहला पीला गाढ़ा दूध पिलाती है। यह हर मां के लिए जरूरी है। जन्म से 6 माह तक शिशु को स्तनपान जरूर कराएं। स्तनपान शिशु के लिए कितना जरूरी और फायदेमंद है, इस बारे में विस्तार से बता रही हैं, फोर्टिस अस्पताल की डॉक्टर नुपुर गुप्ता।
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