हार्ट अटैक के इलाज के बाद मरीज को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर दवाइयों को नियमित रूप से लेना जरूरी है। इसके अलावा जिसके कारण उसे हार्ट अटैक हुआ था, उसे नियंत्रित करना चाहिए। यदि मरीज को शुगर है तो शुगर को नियंत्रित करने वाली दवा लेना जरूरी है।हाई ब्लड प्रेशर और बढ़े कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों और डाइट पर विशेष ध्यान दीजिए। जिनको धूम्रपान के कारण हार्ट अटैक हुआ था वो धूम्रपान बिलकुल न करें। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण है डाइट, खाने में कम मात्रा में जैतून के तेल का प्रयोग करें, खाने में ताजे फल व सब्जियां, ड्राई फूड को शामिल करें।
हार्ट अटैक के लक्षण
रोगी को सीने के बीच जकड़न और तेज दर्द का एहसास होता है। यह कई मिनट तक रहता है, आराम करने से भी दर्द में राहत नहीं मिलता। हालांकि ये लक्षण ज्यादातर रोगियों में होते हैं लेकिन कई रोगियों को दर्द का पता भी नहीं चलता। दर्द का संचार धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों जैसे बांहों, जबड़ों, गर्दन रीढ़ और कमर तक पहुंच जाता है। सांस लेने में तकलीफ होती है, शरीर में तेज पसीना भी आने लगता है, कमजोरी, गुस्सा, सर्दी का एहसास आदि अन्य लक्षण भी आने लगते हैं।
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