शरीर की छोटी-छोटी बीमारी का पता आप अपनी जीभ को देखकर लगा सकते है। यानी आप अपनी जीभ की त्वचा, रंग और नमी के आधार पर अपने स्वास्थ्य का पता लगा सकते हैं। आइए जानें आपकी जीभ के कौन से संकेत आपके सेहत के किस राज को खोलती हैं।
क्या आप जानते हैं कि आपकी जीभ स्वाद के साथ-साथ आपकी सेहत के बारे में भी बताती है। जी हां, आयुर्वेद के अनुसार जीभ का संबंध शरीर के कई हिस्सों से होता है। इसलिए शरीर की छोटी-छोटी बीमारी का पता आप अपनी जीभ को देखकर लगा सकते है। यानी आप अपनी जीभ की त्वचा, रंग और नमी के आधार पर अपने स्वास्थ्य का पता लगा सकते हैं। आइए जानें आपकी जीभ के कौन से संकेत आपके सेहत के किस राज को खोलते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार, जीभ का फीका रंग शरीर में ब्लड की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा चीन में की जाने वाली चिकित्सा में यह भी माना जाता है कि जीभ का फीका रंग फेफड़े में किसी प्रकार की समस्या का संकेत भी हो सकता है।
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जीभ का ज्यादा गहरा रंग, यानी की दूर से देखने पर जीभ का बैंगनी प्रतीत होना, उच्च कोलेस्ट्रॉल की तरफ इशारा हो सकता है। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस की समस्या होने पर भी यह लक्षण हो सकते हैं। चीनी चिकित्सा के अनुसार, जीभ का गहरा रंग शरीर में सही तरह से रक्त संचार न होने का संकेत हो सकता है।
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जीभ का रंग लाल ही होता है, लेकिन अगर जीभ का रंग बहुत अधिक लाल हो गया है तो यह शरीर में विटामिन बी और आयरन की कमी की ओर इशारा करता है। जबकि आयुर्वेंद इसे आंतों की गर्मी का संकेत मानते हैं।
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जीभ का हल्का पीला रंग डिहाइड्रेशन, बुखार, नाक की बजाय मुंह से सांस लेना या अत्यधिक धूम्रपान करने का संकेत हो सकता है। इस समस्याओं से बचने के लिए मुंह की सफाई का ध्यान रखें। ऐसा करने से आपकी जीभ धीरे-धीरे गुलाबी होने लगेगी।
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एक स्वस्थ जीभ के ऊपर गहरी गुलाबी, चिकनी और सफेद रंग की पतली परत वाली होती है। लेकिन अगर यह परत मोटी सफेद और हल्का पीलापन लिये हुए है तो यह पाचन तंत्र में गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। इससे यह भी पता चलता है कि आपने एंटिबॉयटिक दवाओं का सेवन ज्यादा मात्रा में किया है और इससे आपके मुंह के बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ गया है।
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जीभ पर नमी की कमी होना स्लाइवा ग्लैंड में सूजन का संकेत हो सकता है। इसके अलावा नमी की कमी से रक्त में शर्करा की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसलिए जीभ पर कम नमी हो तो इसे नजरअंदाज न करें।
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जीभ में सूजन किसी बीमारी का संकेत देती है। इन बीमारियों में जीभ का कैंसर, ओवरएक्टिव थायरॉइड, ल्यूकीमिया, एनीमिया और डाउन सिंड्रोम शामिल है। इसके अलावा एलर्जिक इंफेक्शन के कारण भी जीभ में सूजन आ सकती है।
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जीभ की त्वचा पर लाल या गाढ़े गुलाबी रंग के चकत्ते शरीर में विटामिन सी में पाए जाने वाले बायोफ्लवोनॉइड्स की कमी का संकेत हो सकता है जिससे मसूड़ों की समस्या हो सकती है। इसके अलावा यह एक्जिमा या दमा जैसे रोगों का लक्षण भी हो सकता हैं।
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जीभ पर छोटे व दर्द भरे छाले होना यूं तो एक आम समस्या है। इसके पीछे तनाव, चिंता और हॉर्मोन में हो रहे बदलाव कारण हो सकते हैं। हालांकि ये किसी खास बीमारी के लक्षण नहीं होते और कुछ ही दिनों में ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ खास प्रकार के छाले शरीर में एलर्जी रिएक्शन, वायरस इंफेक्शन और इम्यून डिसऑर्डर का संकेत हो सकते हैं। तो यदि जीभ एक ओर से दर्द बढ़ रही हो और उसमें दर्द हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं। यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।
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