समस्या तब होती है जब हमें अपने पार्टनर के पैरेंट्स पसंद नहीं होते। न हम उन्हें छोड़ सकते हैं और न ही उनका साथ पसंद आता है। सवाल है ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए? आइये जानें।
हमारे यहां परिवार का अहम हिस्सा हमारे साथी का परिवार भी होते हैं। यही कारण है कि हमें न सिर्फ उनके साथ अच्छे सम्बंध बनाए रखने होते हैं वरन वक्त-बेवक्त उनकी जरूरतों को भी पूरा करना होता है। समस्या तब होती है जब हमें अपने पार्टनर के पैरेंट्स पसंद नहीं होते। न हम उन्हें छोड़ सकते हैं और न ही उनका साथ पसंद आता है। सवाल है ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए? आइये जानें।
Image Source : static.guim.co.uk
पार्टनर के पैरेंट्स यदि नापसंद हैं तो भी हम उन्हें दरकिनार नहीं कर सकते। ऐसे में भलाई इसी में है कि उन्हें समझने की कोशिश करें। आखिर वो आपको पसंद क्यों नहीं है, इस सवाल के तह तक जाएं। उन्हें अपनी समस्या बताएं। साथ ही उनसे उनकी समस्या भी जानने की कोशिश करें। याद रखें कि कोई भी रिश्ता एक तरफ से नहीं निभाया जा सकता है।
अपने साथी के माता-पिता या परिवार से सिर्फ अपनी मन की अड़चनों को ही साझा न करें वरन अपने साथ घट रही घटनाओं को भी साझा करें। अपनी पसंद-नापसंद बताएं। इससे एक दूसरे को समझने में आसानी होती है। नतीजतन रिश्ते में आयी खटास, मिठास में बदल जाती है। बातें साझा करने से न सिर्फ रिश्ते बेहतर होते हैं वरन प्यार भी बढ़ता है।
हर रिश्ते में थोड़े बहुत समझौते करने पड़ते हैं। हालांकि आप कह सकते हैं कि साथी के परिवार के साथ आखिर समझौता क्यों करें? लेकिन यह सोच आपके रिश्ते को कभी भी स्पेस नहीं दे सकती है। अतः अपने रिश्ते में थोड़े बहुत समझौते की जगह हमेशा बनाए रखें। इससे न सिर्फ एक दूसरे का साथ ताउम्र मिलेगा वरन परेशानियों में भी आप एक दूसरे के साथ खड़े नजर आते हैं।
क्या आपको अपने पार्टनर की सभी बातें पसंद आती हैं? नहीं। इस दुनिया में हमें किसी भी व्यक्ति की सारी बातें पसंद नहीं आ सकती। ...तो भला पार्टनर के पैरेंट्स की सारी बातें कैसे पसंद आ सकती हैं? ऐसे में बातों को दिल में बैठाए रखने की बजाय उन्हें नजरंदाज कर देना चाहिए। नजरंदाज करने से दिल में कोई बैर नहीं रहता और रिश्ते पर कड़वाहट भी नहीं आती। वैसे भी नजरंदाज करने से कई मुद्दे यूं ही छिप जाते हैं।
पार्टनर के माता-पिता या परिवार को समझने के लिए उनके साथ वक्त बिताना आवश्यक है। इसके लिए आप उनके साथ घूमने जा सकते हैं। घूमने फिरने से हम एक दूसरे के व्यवहार को समझते हैं। नतीजतन मन में आयी खटास को कम करने का रास्ता मिल जाता है।
पार्टनर के पैरेंट्स के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने के लिए उनके साथ प्यार से पेश आना भी जरूरी है। उन्हें अपने ही माता-पिता जैसे समझें। हालांकि जब हम अपने पार्टनर के पैरेंट्स को नापसंद करते हैं तब उनके साथ प्यार से पेश आना काफी मुश्किल होता है। बावजूद इसके जब भी उनसे मिलें कोशिश करें उनका सम्मान करें।
Image Source : Getty
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।