वजन बढ़ाने के लिए नियमित खर्च की जाने वाली कैलोरी के अलावा अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत है, सामान्यतया 500 कैलोरी बढ़ाने से एक सप्ताह में आप 1 पाउंड तक वजन बढ़ा सकते हैं।
वजन बढ़ाने के लिए आप कई तरीके आजमाते हैं, रोज जिम जाते हैं, वसायुक्त आहार का सेवन अधिक करते हैं, जंक फूड और फास्ट फूड की शरण में जाते हैं। इससे वजन बढ़ता है, लेकिन इसका बुरा असर शरीर पर भी पड़ता है। आपके शरीर पर अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है जो स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है। इसलिए अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित ली जाने वाली कैलोरी को बढ़ा दीजिए। पुरुष और महिलाओं की नियमित कैलोरी की जरूरत अलग-अलग होती है, इस बात का भी ध्यान रखें। इसके अलावा अपने शरीर की जरूरत को समझकर भी कैलोरी की मात्रा को कम और अधिक कीजिए। तो अगर वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आज से ही कैलोरी का सेवन अधिक मात्रा में करना शुरू कर दीजिए।
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वास्तव में कैलोरी ऊर्जा को मापने का एक पैमाना है। जिस ऊर्जा की जरूरत हमें नियमित रूप से पड़ती है, यानी दौड़ने, भागने, सांस लेने, आदि में जो ऊर्जा खर्च करते हैं उसके लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। यही ऊर्जा हमें खाने के जरिये मिलती है और इसकी माप हम कैलोरी के रूप में करते हैं। हमारे मस्तिष्क, कोशिकाओं और उतकों को भी कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यही ऊर्जा हमारे शरीर में संग्रहीत होती है ताकि वह दोबारा भोजन के बीच के समय में उपयोग हो सके। हमारे शरीर को एक निश्चित मात्रा में ही कैलोरी की आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता से जितनी ज्यादा कैलोरी हम लेते हैं वह शरीर में वसा के रूप में संग्रहीत हो जाती है।
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महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक कैलोरी की जरूरत पड़ती है। दरअसल पुरुषों का शरीर महिलाओं के मुकाबले आकार में बड़ा होता है। उनकी मांसपेशियों का भार भी महिलाओं की मांसपेशियों से अधिक होता है, इसलिए उन्हें महिलाओं के मुकाबले कैलोरी की अधिक जरूरत होती है। अगर किसी पुरुष का भार और आकार उसी उम्र की महिला के समान भी होगा तो भी उसे ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होगी। औसतन पुरुष महिलाओं के मुकाबले प्रतिदिन 400 कैलोरी अधिक खर्च करते हैं। पुरुषों को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा जैसे माइक्रोन्युट्रिएंट्स भी अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। सामान्यतया पुरुषों को 2000-2500 कैलोरी प्रतिदिन की आवश्यकता होती है जबकि महिलाओं को 1800-2200 कैलोरी।
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वजन बढ़ाने के लिए आप नियमित रूप से जो कैलोरी लेते हैं उसे बढ़ाइये। इससे आपके शरीर का वजन हर हफ्ते बढ़ने लगेगा। अगर आप नियमित रूप से 2500 कैलोरी खर्च करते हैं और आप रोज 500 कैलोरी अधिक लेते हैं तो इससे एक सप्ताह में 1 पाउंड वजन बढ़ेगा और अगर आप रोज खर्च की जाने वाली कैलोरी में 1000 अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं तब आपका वजन एक सप्ताह में 2 पाउंड के हिसाब से बढ़ेगा। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल फैमिली हेल्थ गाइड द्वारा किये गये इस शोध में इस बात की पुष्टि हुई। जिसका परिणाम यही निकला कि जल्दी से वजन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करना जरूरी है।
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आप अपने खाने के जरिये अतिरिक्त कैलोरी बढ़ा सकते हैं। खाने को पकाने के तरीके से भी कैलोरी को कम और अधिक किया जा सकता है। खाने को डीप फ्राई कर रहे हैं या अधिक मक्खन और तेल का प्रयोग कर रहे हैं तो इससे कैलोरी इनटेक बढ़ जाएगा क्योंकि औसतन वसा के हर ग्राम से आपको 9 कैलोरी मिलती है। चपाती नूडल्स या व्हाइट ब्रेड से ज्यादा पोषक होती है, सामान्यतया एक चपाती में उसके आकार के अनुसार 80-110 कैलोरी होती है। इसमें प्रोटीन 3.5 ग्राम, वसा आधा ग्राम, लेकिन ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल भी नहीं होता है। इसमें विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, कैल्शियम, आयरन और फाइबर भी होता है। इसके आलावा डेयरी उत्पाद, बींस, आलू, पीनट बटर, ड्राई फ्रूट, कच्चे ओट्स, रेड मीट का सेवन कीजिए, इसमें अधिक मात्रा में कैलोरी होती है।
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हम जो कैलोरी लेते हैं उसका प्रमुख स्रोत हैं - कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन। शरीर मे होने वाले बायोलोजिकल बदलावों के कारण किशोरावस्था मे सबसे ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के 1 ग्राम से 4 कैलोरी मिलती है जबकि वसा का 1 ग्राम 9 कैलोरी देता है। बादाम को कैलोरी का अच्छा स्रोत माना जाता है, यह कैलोरी का स्वस्थ विकल्प है, रोज एक मुट्ठी बादाम का सेवन खाने के बीच में करें। इसके अलावा दूध, दही, बटर, मलाई, पनीर, अखरोट, केला, काजू, ब्राउन राइस, पास्ता, आलू, बीन्स, अंडा, झींगा, सालमन मछली, रेड मीट, पीनट बटर खायें। किशमिश में अनाज की 99% कैलोरी होती है, यह फाइबर का भी अच्छा स्रोत है जो खाने को पचाने में मदद करता है, यह फैट को हटाकर इसे स्वस्थ कैलोरी में परिवर्तित करता है।
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आपको कितनी कैलोरी की जरूरत होती है यह शरीर उसकी जरूरत को समझता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हम जितनी कैलोरी लेते हैं उसकी गिनती करके यह सोचकर संतुष्ट होना ठीक नहीं है कि हमने पर्याप्त मात्रा में कैलोरी हासिल कर ली और इससे हमारा वजन बढ़ेगा। कई बार हम जितनी कैलोरी गिनती के हिसाब से लेते हैं शरीर उसे उस स्तर पर हासिल नहीं कर पाता है। इसकी वजह यह है कि कुछ आहार पेट में तो जाता है, लेकिन उसका पाचन ठीक तरह से नहीं होता है इसलिए गिनती के आधार पर कैलोरी लेने का मतलब नहीं रह जाता है। अगर हमें एक औंस बादाम खाने से 170 कैलोरी मिलती है, लेकिन वास्तव में हमारा शरीर सही मायने में उससे सिर्फ 129 कैलोरी ही हासिल कर पाता है। इसके विपरीत यदि डिब्बा बंद परिष्कृत भोजन लेते हैं तो उसमें दी गई मात्रा से अधिक कैलोरी हमारे शरीर में पहुंच जाती है। यानी रासायनिक फूड के सेवन से मोटापा बढ़ता है। इससे पेट के आसपास की चर्बी बढ़ जाती है और बाद में मधुमेह होने की संभावना भी रहती है।
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हम नियमित रूप से 2200 से 2500 कैलोरी खर्च कर देते हैं, लेकिन यह जान नहीं पाते कि आखिर हम ये कैलोरी खर्च कहां करते हैं। एथलीट, धावक, जिम जाने वाले लोग तो अपनी ज्यादातर कैलोरी इन कामों में खर्च करते हैं, लेकिन सामान्य दिनचर्या वाले लोग आखिर इतनी कैलोरी खर्च कहां करते हैं, यह भी जानना जरूरी है। सामान्यताया 30 मिनट किचन या गार्डन में काम करने से करीब 315 कैलोरी खर्च होती है, 30 मिनट तक सीढ़ियां चढ़ने में 285 कैलोरी, 30 मिनट तक शरीर को रगड़कर नहाने में 70 कैलोरी, कार को 30 मिनट तक धोने में हाथों व पेट का व्यायाम होता है जिसमें 143 कैलोरी, 20 मिनट तक पावर योगा करने में 200 कैलोरी, वैक्यूमिंग करने में 190 कैलोरी खर्च होती है। तो अगर इस हिसाब से आप भी कैलोरी खर्च करते हैं तो उनकी गिनती करने के बाद रोज 500 से 1000 कैलोरी की मात्रा बढ़ायें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।