पैरों को आराम देने के लिए कम से कम रात में सोते समय तो मोजा उतार कर ही सोयें। दिनभर मोजा पहने रहना या बहुत तंग मोजा पहनने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
टाइट मोजा पहनने से पैरों की नसें दब जाती हैं। दबी हुई नसों में खून सही से नहीं दौड़ सकता और इस वजह से रक्त संचार प्रभावित होता है। इससे कई बार बेचैनी महसूस हो सकती है और पैरों में सूजन आ सकती है।
दिनभर मोजा पहनने से एड़ी के हिस्से में खून कम पहुंच पाता है। इस वजह से कई बार एड़ी सुन्न पड़ जाती है और पैर काम करना बंद कर देते हैं। शरीर के हर हिस्से को काम करने के लिए ब्लड की जरूरत पड़ती है।
एडीमा में शरीर के हिस्से में तरल पदार्थ एक जगह जम जाता है जिसकी वजह से उस हिस्से में सूजन आ जाती है। देर तक मोजा पहने रहने से और टाइट मोजा पहनने से ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है और पैरों में सूजन आ सकती है।
पैरों से जो पसीना निकलता है मोजा उसे सोखता है। देर तक मोजा पहनने से या टाइट मोजा पहनने से ये पसीना सूख नहीं पाता, जिससे नमी के कारण मोजे में बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा हो जाते हैं। इन्हीं बैक्टीरिया से आपके पैरों में फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
जब भी मोजा खरीदें इस बात का ध्यान रखें कि ये आपके पैरों के नाप के अनुसार हों। इसे पहनने से अगर पैरों पर निशान बनता है तो इसे ढीला करें या बदल दें। इसके अलावा सिंथेटिक मैटेरियल से बने मोजे की बजाय नैचुरल मौटीरियल से बने मोजों को चुनना चाहिए।
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