दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए केवल गाय या भैंस का दूध की काफी नहीं होता, अन्य दूध भी इसके लिए फायदेमंद होते हैं, दिल के लिए फायदेमंद अनेक प्रकार को दूध के बारे मे जानने के लिए पढ़े ये स्लाइडशो।
दिल के लिए दूध का सेवन फायदेमंद होता है। ये बात हम सभी जानते है पर क्या आप जानते है कि सिर्फ गाय और भैंस का दूध ही काफी नहीं होता है। बहुत से लोग मानते हैं कि दूध से केवल कैल्शियम ही मिलता है और वे दूध के अन्य फायदों से अनजान हैं। दिल के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कई अनेक प्रकार के दूध भी लाभदायक होते है।
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कच्चे दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और मिनरल्स आदि तत्व होते हैं। इसमें अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो कि पेट को स्वस्थ रखते हैं। यह इम्युनिटी बढ़ाता है और शरीर को विटामिन और मिनरल्स का लाभ उठाने में मदद करता है। क्रीम युक्त दूध भी एक अच्छा विकल्प है।इसमे माइक्रोबियल में एशचेरीचिया कोली ओ157-एच7 के साथ संक्रमणकारी कैंपीलोबेक्टर और लिस्टेरिया पाया जाता है। ये जीवाणु मनुष्यों में, विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और व्यस्कों में खाद्यजनित बीमारियों का कारण बनते हैं।
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गायों के दूध में ए-2 बीटा प्रोटीन मिलता है जो हृदय की बीमारी, मधुमेह और मानसिक रोग के खिलाफ सुरक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गायों में ए-1 जीन पाया जाता है जो इन बीमारियों को मदद पहुंचाता है। ए-1 जीन स्थानीय गायों के दूध में हमेशा मौजूद नहीं होता लेकिन इसे नकारा भी नहीं जा सकता। किसी भी पशु का बाल पेट में चले जाने से हानि ही होती है| गाय के रोम से तो राजयक्ष्मा आदि रोग भी संभव हो सकते हैं इसलिए गाय का दूध छानकर ही पीना चाहिए|
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नारियल के दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन, खनिज और फाइबर आदि की अधिकता होती है। नारियल का दूध हृदय प्रणाली, रक्त परिसंचरण के लिए अच्छा है ।कोकोनट मिल्क में विटामिन सी, ई और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है। नारियल वास्तव में एक ट्री नट है। अत: ऐसे लोग जिन्हें पेड़ से मिलने वाले पदार्थों से एलर्जी की समस्या होती है उन्हें नारियल दूध से भी एलर्जी हो सकती है।
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बादाम के दूध के अनेक फायदे हैं। इससे देर तक पेट भरा रहता है और यह शाकाहारी लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। यह प्रोटीन, विटामिन ई, मैग्नीशियम, मोनोअनसेच्युरेटिड फैट, मैंगनीज, तांबा और राइबोफ्लेविन आदि से भरपूर है और इसमें गाय के दूध की तरह कैलोरी कम होती हैं, यह दिल की बिमारियों को दूर करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। लेकिन इसे स्वास्थ्यकारी बनाए रखने के लिए इसमे शक्कर ना मिलाएं।
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सोया मिल्क, सोयाबीन्स को पानी में अच्छी तरह से पीसकर, उसे 15 से 20 मिनट उबालकर और फिर अच्छी तरह से छानकर मिल्क तैयार करते हैं। सोया मिल्क में अपने स्वाद के अनुसार फ्लेवर मिलाकर उपयोग में लाते हैं। सोया मिल्क में प्रोटीन और आयरन बहुत ज्यादा होता है और फैट कम से कम, इसीलिए इसे कोलस्ट्रॉल फ्री कहा जाता है। सोया मिल्क दिल की बिमारी की संभावना को दूर करता है। इस दूध मे शक्कर नहीं मिलाना चाहिए।
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राइस मिल्क एक अलग तरह का दूध होता है। यह ब्राउन राइस से तैयार किया जाता है। इसके लिए चालव को उबाला जाता है या फिर राइस सीरप का इस्तेमाल कर राइस मिल्क तैयार किया जाता है।राइस मिल्क में विटामिन और कार्बोहाइड्रेट प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, पर इसमें दूसरे दूध की तरह बहुत ज्यादा लेक्टोज नहीं पाया जाता है। ऐसे में राइस मिल्क उनके लिए एक बेहतर विकल्प है, जिनका कॉलेस्ट्रोल लेवल काफी ज्यादा है। यह हृदय को भी सुरक्षित रखता और सेहतमंद बनाता है।
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पोषक तत्वों से भरा बकरी का दूध न केवल सेहत के लिए अच्छा होता है बल्कि यह आपको दिल की बीमारियों से भी बचाता है।बकरी के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम अधिक होता है और फैट कम होता है। यह हड्डियों को कमजोर होने से बचाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और एनीमिया को भी दूर करता है। हालांकि इसमे खाद्य जनित बीमारी होने की संभावना रहती है।
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