रनिंग सेहत के लिए बहुत अच्छी एक्सरसाइज है लेकिन सर्दियों में रनिंग करते हुए कुछ बातों का खास ख्याल रखना पड़ता है। जैसे कि घने कोहरे में ऐसी जैकेट पहनें जो दूर से दिखाई दे, अच्छे ग्रिप वाले जूते पहनें, उचित कपड़े पहनें आदि।
फिटनेस के लिए रनिंग और जॉगिंग को सबसे अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है। गर्मियों में तो रनिंग आसान है लेकिन सर्दियों में ये एक्सरसाइज इतनी आसान नहीं होती। सर्दी के मौसम में सुबह घूमने या दौड़ने जाने का मूड नहीं करता। अगर आप उठकर जॉगिंग के लिए चले भी जाएं तो भी कई और समस्याएं आपके सामने आती हैं। कोहरा, अधिक ठंड, ओस या बर्फ की वजह से फिसलन आदि। अगर आप भी सुबह उठकर जॉगिंग के लिए जाते हैं तो घर से निकलते हुए ये सावधानी जरूर बरतें नहीं तो रनिंग आपकी सेहत पर भारी भी पड़ सकती है।
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इन दिनों जो ठंड है, उसमें सुबह के समय दौड़ना आसान नहीं होता। कभी-कभी कोहरा इतना अधिक हो जाता है कि चंद कदमों की दूरी को देखना मुश्किल होता है। ऐसे में बाहर दौड़ते समय अपनी सुरक्षा का खास ध्यान रखें। फ्लोरेसेंट टीशर्ट या जैकेट पहन कर ही दौड़ें करें। हैडलैंप भी आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें सिर पर पहन कर आप दौड़ते समय आगे का रास्ता साफ देख सकते हैं। हमेशा ट्रैफिक के विपरीत दिशा में दौड़ने या चलने की सलाह दी जाती है। इससे आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रहती है।
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आमतौर पर देखा जाता है कि सर्दियों में या तो अधिक कपड़े पहने हुए होते हैं या कम। सर्दियों में पसीना आना सेहत के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक होता है। रनिंग के दौरान कपड़ों की निचली सतह गीली हो जाती है, जिससे ठंड लगने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए दौड़ते समय पसीने को सोखने वाले सूती कपड़े की टी-शर्ट या बनियान आदि ही पहनें। इसके अलावा, एक मोटी जैकेट पहनने की जगह कपड़े लेयर्स में पहनें। जैसे-जैसे आप दौड़ना शुरू करते हैं, शरीर में गर्मी आने लगती है। ऐसे में अपनी एकमात्र मोटी जैकेट को उतारना सेहत के लिए सही नहीं है। कई लेयर में कपड़े पहनने पर आप आसानी से ऊपरी जैकेट को उतार सकते हैं। जहां तक हो सके, अपनी बाजुओं और कानों को ढक कर रखें। बच्चे और बुजुर्ग अधिक सर्दियों में ग्लव्ज और टोपी पहनकर बाहर रनिंग करें।
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आमतौर पर लोगों को ठंड में एक्सरसाइज करने के दौरान प्यास नहीं लगती, पर ठंड में भी शरीर को पानी की जरूरत होती है। हर 2 किलोमीटर चलने या दौड़ने के बाद थोड़ा पानी पीना बेहतर रहता है। इससे मुंह और गले में नमी बनी रहेगी। मुंह में नमी बनी रहने से श्वसन प्रक्रिया सहज रहती है और सांस रुकने में बाधा महसूस नहीं होती।
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ठंड के समय में हम स्वाभाविक तरीके से सांस लेना बंद कर देते हैं। हमारी मुद्रा सिकुड़ी हुई सी रहती है, जैसे हम खुद को गले लगा रहे हों। हमारी मुद्रा का यह बदलाव हवा को अंदर ले जाने पर फेफड़ों में होने वाले विस्तार को रोकता है। पर्याप्त हवा शरीर में नहीं जाती। साथ ही हम छोटी सांसें लेते हैं। इसका हल है कि आप तीन से चार सेकेंड के लिए एक गहरा श्वास लें और उसे दो से तीन सेकेंड के लिए रोक कर रखें। फिर उसे तीन से चार सेकेंड लेते हुए निकालें। 3 से 5 मिनट के लिए इसे दोहराते रहें। ऐसा हर बार दौड़ने से पहले करें। आप ऐसा तब अधिक कर सकते हैं, जब आप सीधे खड़े हों। इससे आपको अपनी मुद्रा में सुधार करने का मौका भी मिलेगा। आप अपनी छाती को अधिकतम फुला सकेंगे। जब ठंडी हवाएं भीतर जाएंगी, तब अधिक बेहतर तरीके से उनके साथ सामंजस्य बिठा सकेंगे।
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रनिंग के लिए निकलने से पहले चेहरे पर अच्छा लोशन और होठों पर लिप बाम लगाना न भूलें क्योंकि ठंडी हवा से ये बहुत जल्दी सूखते हैं। एक अच्छा सनस्क्रीन लोशन लगाना भी एक बेहतरीन और प्रभावी आइडिया हो सकता है।
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गर्मियों में जहां साधारण कैनवस शू से काम चल जाता है, वहीं सर्दियों में थोड़ी बेहतर ग्रिप वाले स्पोर्ट्स शूज पहनने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्दियों में घास के मैदानों व सड़कों पर ओस की वजह से फिसलन हो सकती है। या फिर अगर आप स्नो फॉल वाली जगह रहते हैं तो बर्फ पर साधारण जूतों से चल पाना मुमकिन नहीं होता, रनिंग तो दूर की बात है।
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सर्दियों में रनिंग के दौरान एक और बात का ध्यान रखें। कभी भी बहुत तेज न दौड़ें। इससे शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा और आप जल्दी थक भी जाएंगे। इसके अलावा, सर्दियों में मांसपेशियों में सिकुड़न की समस्या हो जाती है, ज्यादा तेज दौड़ने से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव भी हो सकता है।
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