आपकी उम्र, वजन या लिंग चाहे जो कुछ भी हो, ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने से आपको बहुत लाभ होता है, बशर्ते इसे ठीक ढ़ंग से किया जाए।
आप कोई भी कसरत कर लें, लेकिन जब तक आप ट्रेडमिल पर दौड़ नहीं लगा लेते, आपका वर्कआउट अधूरा ही माना जाता है। आपकी उम्र, वजन या लिंग चाहे जो कुछ भी हो, ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने से आपको बहुत लाभ होता है। ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने के कई फायदे होते हैं। इससे आप फिट तो रहते ही हैं साथ ही आपके शरीर के सारे अंग भी चुस्त बने रहते हैं। लेकिन ट्रेडमिल एक्सरसाइज के पूरे फायदे लेने के लिए इसे ठीक से करना ज़रूरी है। तो चलिये जाने ट्रेडमाल एक्सरसाइज करने के करीके और इसके फायदों के बारे में।
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एक्सरसाइज के लिए लोग जूतों को तरजीह नहीं देते या फिर उनका ध्यान जूतों के लुक्स पर अधिक रहता है, जबकि ट्रेडमिल पर या सामान्य रनिंग के लिए जूतों के सोल में एक्स्ट्रा पैडिंग होनी चाहिए। इससे पैरों आरामदायक स्थिति में बने रहते है और दड़ते समय पैरों पर अधिक ज़ोर नहीं पड़ता। जूते ठीक न होने पर पैरों में दर्द, मोच जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। या फिर आपका संतुलन बिगड़ सकता है।
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जब भी ट्रेडमिल पर दौड़ें या वॉक करें, तो सामने ही देखें। यदि आप नीचे देखेंगे या फिर पैरों की गितिविधी पर ध्यान देंगे, तो आपका ध्यान हट सकता है और आप फिसल सकते हैं। वहीं नीचे देखने पर कमर या गर्दन की नस में भी खिंचाव आ सकता है।
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कई लोग ट्रेडमिल पर दौड़ते समय हैंडल पकड़ लेते हैं, ताकि उनको सहारा मिल जाए। लेकिन फिटनेस एक्सपर्ट्स इसे सही नहीं मानते। उनकी राय में ऐसा करने से शरीर को सहारा मिल जाता है और कैलोरी सही प्रकार बर्न नहीं होती। यदि आप इंक्लाइन मोड पर हैं, तब भी बहुत आगे की ओर झुककर नहीं चलना चाहिए।
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यदि आप ट्रेडमिल पर दौड़ते समय मुंह से सांस लेते हैं तो इसका मतलब है कि आपको अपने रेस्पिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने की आवश्यकता है। इसके बचने के लिए आप डीप ब्रीदिंग की प्रैक्टिस करें, ताकि नाक से गहराई से सांस लेते हुए आपके शरीर को पूरी ऑक्सिजन मिले।
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किसी भी ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी का होना बेहत जरूरी है। इसलिए अगर आप बिना स्ट्रेचिंग के ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करेंगे तो आपको थकान जअधिक होगी और चोट लगने की आशंका भी अधिक हो जाएगी। ऐसे में मसल्स पर भी खिंचाव सबसे ज्यादा परेशान करता है। ट्रेडमिल पर दौड़ने से पहले हमेशा पांच मिनट की स्ट्रेचिंग प्रैक्टिस जरूर करें और उतरने के बाद भी।
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ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करने से शरीर का मैटाबालिज्म बढ़ता है। शरीर का मैटाबालिज्म रेट शरीर की कार्य प्रणाली को सूचारू करने में मदद करता है। शरीर का मैटाबालिज्म जितना ज्यादा होता है, शरीर में उतनी ही ज्यादा एनर्जी होती है। बढ़े हुए मैटाबालिज्म से वडजन कम करने में भी मदद मिलती हैं।
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यह देखा गया है कि जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उनकी हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं। लेकिन अगर आप नियमित रूप से ट्रेडमिल पर दौड़ लगाएं तो आपकी हड्डी की मोटार्इ बढ़ेगी और हड्डी जितनी मोटी होगी वह उतनी ही मजबूत बनेगी।
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ट्रेडमिल पर रनिंग करने से ना केवल वजन घटता है बल्कि शरीर की मासपेशियां भी टोन होती हैं। ध्यन रहे अच्छे शेप में आने के लिये मासपेशियों का टोन होना जरुरी है। ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करने से पैर, जांघ, पेट और कुल्हे पर जोर पड़ता है और इनका शेप बोहतर होती है।
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ट्रेडमिल पर दौड़ने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा ठीक होती है और इसका ठीक प्रवाह होता है। इसे करने से पसीना आता है और त्वचा के पोर्स खुल जाते हैं, शरीर से गंदगी बाहर निकलती है और त्वचा कुछ ही दिनों में चमकदार बन जाती है।
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