माइग्रेन का दर्द इतना असहीनय होता है कि आप उससे राहत पाने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन बिना दवाओं के भी दर्द को काबू में कर सकते हैं।
माइग्रेन सिरदर्द का एक ही एक गंभीर रूप है, कभी-कभी इसका दर्द असहनीय हो जाता है। मतली आना, देखने में समस्या, रौशनी की चमक, गर्दन में दर्द आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसके दर्द को कम करने के लिए बाजार में कई प्रकार के उपचार मौजूद हैं लेकिन, बिना दवाओं के भी इसके दर्द के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए आप एक्यूपंचर का सहारा ले सकते हैं। एक्यूंचर से उपचार के जरिये सूईयों को सिर के उन बिंदुओं पर चुभोया जाता है जिससे दर्द कम हो सके। कुछ शोधों में भी यह बात सामने आ चुकी है कि एक्यूपंचर थेरेपी से माइग्रेन का उपचार किया जा सकता है।
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माइग्रेन के उपचार के लिए आइस पैक का सहारा ले सकते हैं। अगर माइग्रेन के कारण दर्द असहनीय हो जाये तो इससे दर्द को कम किया जा सकता है। आइस पैक मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है और दर्द को कम कर देता है। इसे प्रभावित क्षेत्र, कनपटी और गर्दन पर थोड़ी देर के लिए रखिये या रगडि़ये।
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माइग्रेन के उपचार में एरोमाथेरेपी बहुत मददगार है। विभिन्न प्रकार की खुशबू से शरीर पर एक सुखदायक प्रभाव होता है और इससे दर्द कम होता है। बाबूना, पुदीना, नीलगिरी के कुछ आम इत्र माइग्रेन में कारगर साबित हो सकते हैं। आप विभिन्न जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद क्या है।
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मसाज के द्वारा भी माइग्रेन का उपचार हो सकता है। एक आरामदायक मसाज अक्सर, आपके गर्दन और कंधे के क्षेत्र में मांसपेशियों को सक्रिय कर सकती है और इससे माइग्रेन का दर्द कम होता है। इसलिए अगर माइग्रेन का दर्द बढ़ जाये तो मसाज कीजिए।
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मैगनीशियम का सेवन माइग्रेन के मरीजों के लिए रामबाण माना जाता है, यह आसानी से माइग्रेन के दर्द को कम कर सकती है। क्योंकि यह रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है। इसलिए ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक हो। इसके लिए अपने आहार में दूध, दही, पालक, पनीर आदि खाद्य-पदार्थों का सेवन कीजिए।
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व्यायाम और योग से माइग्रेन का उपचार तो होता ही साथ ही यह आपको फिट रखता है और अन्य बीमारियों से भी बचाता है। व्यायाम शरीर के जैव रासायनिक और हार्मोनल संतुलन को वापस लौटा सकता है। नियमित व्यायाम करके आप माइग्रेन के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
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हाइड्रोथेरेपी बहुत ही आसान है और यह शरीर में रक्त के प्रवाह को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकता है। खून के प्रवाह को अपने सिर से बाहर संचालित करने से दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। इस थेरेपी को करने के लिए ठंडे पानी में अपने पैर रख दें और अपने सिर के पीछे गरम पानी की बोतल रख सकते हैं, इससे दर्द कम हो जायेगा।
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हमारे शरीर में जब कुछ बदलाव होते हैं तब दर्द होता है, ये बदलाव हैं - दिल की धड़कन में परिवर्तन, मांसपेशियों में खिंचाव आदि। बायोफीडबैक के जरिये इन बदलावों को सामान्य स्थिति में लाया जाता है जिससे दर्द पर काबू हो सके। इसके लिए एक मशीन का प्रयोग किया जाता है जिसे सिर और माथे पर लगाया जाता है।
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कई आहार ऐसे हैं जो सिर दर्द को बढ़ा सकते हैं, इसलिए ऐसे आहारों की सूची बनाइए और उन्हें अपने डायट चार्ट से निकाल दीजिए जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकते हैं। एल्कोहल, प्रोसेस्ड मांस, डिब्बाबंद आहार, कैफीन, आदि का सेवन करने से माइग्रेन का दर्द बढ़ता है। इसलिए इन आहारों के सेवन से बचें।
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माइग्रेन के उपचार के लिए घरेलू नुस्खे का सहारा लीजिए। कपूर को घी में मिलाकर सिर पर हल्के हाथों से मालिश कीजिए, मक्खन में मिश्री मिलाकर सेवन कीजिए, नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है। इसके अलावा भी कई अन्य जड़ी-बूटी हैं जिनका प्रयोग माइग्रेन के उपचार के लिए कर सकते हैं।
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