कुछ लोकप्रिय भारतीय हर्ब्स का प्रयोग कर रक्त में अशुद्धियां को दूर किया जा सकता है। ऐसे ही हर्ब्स के बारे में जाने इस स्लाइड शो में।
शुद्ध रक्त प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार, दिल की बीमारियों से बचाव, कैसर से लड़ने में मदद और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। लेकिन शारीरिक श्रम के अभाव, अस्वस्थ खान-पान और पशु उत्पादों का अधिक इस्तेमाल से शरीर और रक्त में विषैले तत्व बनने लगते है। कुछ लोकप्रिय भारतीय हर्ब्स जो रक्त में शुद्धी के गुणों के लिए जाने जाते हैं इनका प्रयोग कर रक्त में अशुद्धियां को दूर किया जा सकता है। ऐसे ही हर्ब्स के बारे में जाने इस स्लाइड शो में।
नीम में एंटीसेप्टिक, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण होते है जो रक्त में सफाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। नीम रक्त के थक्कों से लड़ने में भी मदद करता है। साथ ही इससे त्वचा रोगों, अल्सर, गठिया और मसूड़ों की बीमारियों का इलाज भी किया जा सकता है।
शहद प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल है। इस तत्व के कारण इसे किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोकने का एक शानदार तरीका माना जाता है। शहद, रक्त के निर्माण, धमनियों की दीवारों की रक्षा, रक्त परिसंचरण में सुधार और रक्त शुद्ध करने में मदद करता है।
आंवला, आयरन के समावेश, रक्त की गुणवत्ता में सुधार और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। साथ ही आंवला रक्त का पोषण और रक्त परिसंचरण में सुधार कर हृदय रोगों से लड़ता है।
शहतूत में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट रक्त शुद्ध और उत्पादन बढ़ जाता है। शहतूत हृदय प्रणाली की रक्षा और लीवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाला यह हर्ब रक्त को शुद्ध करता है। गुडूची धूम्रपान और शराब पीने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह रक्त में निर्मित विषाक्त पदार्थों को शुद्ध करने में मदद करता है।
औषधीय गुणों से भरपूर अंतमुल नामक फूल रक्त को शुद्ध करता हैं और अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस फूल को भारत में खदरी, नैप्प्लाई या मेंदी से भी जाना जाता है।
शिमला मिर्च न केवल रक्त और संचार प्रणाली से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में बल्कि पाचन तंत्र को शुद्ध और रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। शिमला मिर्च विटामिन ए, बी और सी का अच्छा स्रोत है साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिज भी मौजूद है।
धतूरे की जड़ शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले एसिड को बाहर निकाल रक्त को शुद्ध करता है। साथ ही यह किडनी को रक्त शुद्ध करने में मदद करता है और पिट्यूटरी ग्रंथि से प्रोटीन को निकालकर हार्मोन संतुलन में मदद करता है।
अमर बेल के इस फूल को एक हर्ब माना जाता है। इस फूल का इस्तेमाल करें क्योंकि यह रक्त शुद्धि करता है। साथ ही यह लीवर और किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
मंजिष्ठा को आयुर्वेद में सबसे अच्छा हर्ब माना जाता है। यह रक्त को विषाक्त पदार्थों से शुद्ध करता है। इसके अलावा इसका प्रयोग प्रतिरक्षा नियामक के रूप में भी किया जाता है।
सिंहपर्णी की जड़ लीवर और किडनी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने वाली सबसे अच्छी जड़ी-बूटियां हैं। लेकिन यह साथ ही रक्त का शुद्ध भी करती है जिससे लीवर और किडनी के समुचित कार्य को बढ़ावा मिलता है।
यह फूल एक रक्त शुद्ध करने वाला और लीवर के कामकाज को बढ़ावा देने वाला है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व के कारण आमतौर पर इसका प्रयोग प्राकृतिक चिकित्सा में किया जाता है। भुटकेसी कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में होती है।
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