त्वचा कैंसर में त्वचा की कोशिकाएं जरूरत न होने पर भी नई कोशिकाओं में बदलती रहती हैं। तेल मालिश करके, आहार से, टैटू से परहेज करके, यूवी किरणों से बचकर त्वचा कैंसर से बचाव किया जा सकता है।
पुरानी कोशिकाओं का नई कोशिकाओं में बदलना शरीर के लिए एक सामान्य बात है। लेकिन अगर नई कोशिकाओं के जरूरत न होने पर भी त्वचा की कोशिकाएं विभाजित होती रहती हैं, तो त्वचा कैंसर हो सकता है। त्वचा कैंसर में त्वचा की कोशिकाएं जरूरत न होने पर भी नई कोशिकाओं में बदलती रहती हैं। त्वचा पर रैशेज, तिल बर्थ मार्क्स में होने वाले बदलाव त्वचा के कैंसर का लक्षण हो सकता है। त्वचा के कैंसर के दौरान त्वचा पर कई तरह के बदलाव होते हैं जो मेलेनोमा (धूप से होने वाले) या नॉन-मेलेनोमा (बेहद गंभीर) कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
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हालांकि बाकी कैंसर की तरह त्वचा कैंसर भी किसी को भी हो सकता है लेकिन कुछ लोगों को इसका जोखिम अधिक होता है। जिन लोगों के बाल व आंखों का रंग हल्का हो उनके लिए ये जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, जिन लोगों के शरीर पर ज़्यादा तिल या झाई हो, जो लोग तेज़ धूप में रहते हों और जिन्हें एक से ज़्यादा बार धूप में झुलसने के कारण छाले हुए हों, उन्हें त्वचा कैंसर होने का अधिक खतरा रहता है। त्वचा कैंसर से बचने के लिए इन 7 उपायों को अपनाना चाहिए।
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शरीर पर तेल की मालिश करने से भी त्वचा कैंसर का खतरा कम हो सकता है। इसके लिए जिस तेल में एसपीएफ की मात्रा होती है उसी तेल से शरीर पर मालिश करें। मालिश करने के लिए बादाम का तेल, नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकते है। यह तेल हमारी त्वचा का सूरज की तेज किरणों से भी बचाव करते हैं और त्वचा कैंसर के खतरे को कम करते हैं।
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त्वचा कैंसर से बचाव के लिए विटामिन डी की सही मात्रा लें। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ त्वचा को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से भी बचाकर त्वचा कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा चाय पिएं इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक त्वचा को हानिकारक किरणों से बचाते हैं। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनल स्किन कैंसर से बचाव करता है। आप टमाटर और अंगूर भी खांए।
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टैटू देखने में बहुत ट्रेंडी जरूर लगता है लेकिन ये भी आपका त्वचा कैंसर का जोखिम बढ़ाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैटू बनवाने से भी त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए त्वचा पर टैटू न बनवाएं।
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दरअसल सूरज की पराबैंगनी किरणें शरीर में भीतर जाकर कोशिकाओं की आनुवांशिक संरचना को ही बदल सकती हैं। इस कारण त्वचा का कैंसर हो सकता है। इसलिए तेज धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का प्रयोग करें। यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। कुछ समय पूर्व ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने एक शोध में पाया था कि सनस्क्रीन न सिर्फ सनबर्न से त्वचा की सुरक्षा होती है, बल्कि यह तीन प्रकार के त्वचा कैंसरों से लड़ने वाले सुपरहीरो जीन की भी रक्षा करने में सक्षम होता है।
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अल्ट्रा वॉयलेट किरणें यूवीए और यूवीबी दो प्रकार की होती हैं। यूवीए किरणें त्वचा की पिग्मेंटेशन को बढ़ाती हैं, जबकि यूवीबी किरणें टैनिंग और स्किन कैंसर का कारण बनती हैं। इसलिए यूवीए से बचाव के लिए एसपीएफ का चिन्ह और यूवीबी से बचाव के लिए अपने सनस्क्रीन की जांच जरूर कर लें। यूवीबी किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन कम से कम एसपीएफ 30 वाला प्रयोग करें।
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विटामिन ए की एक गोली त्वचा कैंसर से बचाव कर सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि आप त्वचा के कैंसर से बच कर रहना चाहते हैं तो रोज विटामिन ए की गोली लेने से ऐसा संभव हो सकता है। रोजाना विटामिन ए की खुराक लेने से त्वचा के कैंसर के सबसे भीषण स्वरूप मेलानोमा को दूर रखा जा सकता है। विटामिन ए का प्रमुख तत्व रेटिनोल इस बीमारी से बचाव करने में सक्षम है। लेकिन इसका संबंध विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थो से नहीं है।
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वातावरण में फैल रहे प्रदूषण से खुद को यथासंभव बचाने का प्रयास करें। प्रदूषण आपकी त्वचा को न सिर्फ बाहरी नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि इसकी वजह से आपको त्वचा कैंसर भी हो सकता है। रास्ते में स्कार्फ से चेहरा ढंक कर चलें।
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