मुहांसे सिर्फ चेहरे पर ही नहीं होते हैं ये चेहरे के अलावा सीने पर भी हो सकते हैं, इससे छुटकारा दिलाने में ये तरीके बहुत ही कारगर हैं, इनको आजमायें।
लाखों लोग मुंहासों की समस्या से परेशान हैं। यहां बात सिर्फ चेहरे के मुंहासों की नहीं हो रही वरन पीठ और सीने की भी हो रही है। दरअसल हम चेहरे पर इतना ज्यादा ध्यान केंद्रित रहते हैं कि सीना, बगल जैसी जगह नजरंदाज हो जाती है। जबकि शरीर के इन अंगों में मुंहासें होने से समस्या गंभीर रूप इख्तियार कर लेती है। यही नहीं यह बीमारी में भी तब्दील हो सकती है। सवाल उठता है कि सीने के मुंहासों से कैसे मुक्ति पायी जाए? साथ ही मुंहासों को पनपने से कैसे रोका जाए?
टाइट फिटिंग पोषाक पहनने से हमेशा शरीर में पसीना ज्यादा आता है। यही नहीं शरीर निरंतर असहज महसूस करता है। नतीजतन सीने में दाने तथा मुंहासें हो जाते हैं। यही कारण है कि हमें हमेशा ढीले या कम फिटिंग पोषाक को ही तरजीह देनी चाहिए। इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप फैशन को पूरी तरह दरकिनार कर दें। फैशन को ज़हन में रखते हुए ढीली पोषाक का चयन करें। अपनी पोषाक की फैब्रिक का भी ख्याल रखें। सामान्यतः सूती के ही कपड़ों को प्राथमिकता दें। इससे शरीर में आसानी से हवा आ जा सकती है और पसीने ठहरने की गुंजाइश कम हो जाती है। मतलब यह कि सीने में मुंहासे होने की आशंका में कमी आती है।
डेड स्किन सेल्स को निकालने के लिए एल्फा हाइड्रोक्सी एसिड का इस्तेमाल किया जा सकता है। डेड स्किन सेल्स निकालने से त्वचा छिद्र खुल जाते हैं और मुंहासों में कमी आती है। सीने भी इसका अपवाद नहीं है। सीने की डेड स्किन सेल्स निकालना आवश्यक है ताकि मुंहासे से दूर रहा जा सके। साथ ही पीठ आदि अंग विशेषो में भी यह प्रक्रिया अपनायी जा सकती है। डेड स्किन निकालने के लिए किसी अच्छे साबुन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
गंदा तथा किसी और का तौलिया इस्तेमाल करने से बचें। यदि घर के सभी सदस्य एक ही तौलिया इस्तेमाल करते हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि किसी सदस्य विशेष को मुंहासें की शिकायत न हो। यदि किसी को है तो उसे अपना तौलिया अलग कर लेना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो साफ तौलिया इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। गंदे तौलिये के कारण न सिर्फ मुंहासों की शिकायत देखने को मिल सकती है वरन और भी कई अन्य बीमारियां घर कर सकती हैं। इतना ही नहीं शरीर में निरंतर दुर्गंध की शिकायत भी बनी रह सकती है। गंदे तौलिये के चलते नहाने के बावजदू फ्रेशनेस का एहसास नहीं होता। अतः गंदे तौलिये से बचें।
चेहरे के लिए न जाने हम क्या क्या इस्तेमाल नहीं करते? लेकिन सीने या अन्य अंग विशेष की बात आती है तो हम खामोश हो जाते हैं। जबकि यह सही नहीं है। सीने की त्वचा का टोन अप भी जरूरी है। इससे मुंहासों को आने से रोका जा सकता है। साथ ही त्वचा मुलायम भी होती है। मुंहासों की शिकायत है तो विशेषज्ञों से सलाह लेकर साबुन तथा क्रीम का इस्तेमाल करें। खीरे से बने रस का भी सीने के मुंहासों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे सीने के मुंहासों कम होंगे। इसके अलावा आप क्लिनजि़ंग लोशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कई बार नहाने का नियम सिर्फ उन लोगों के लिए है जिन्हें बहुत ज्यादा पसीना आता है। जितनी बार पसीना आता है, उतनी बार नहाएं ताकि दाने, मुंहासे आदि आपको घेर न सकें। लेकिन हां, इस बात का ध्यान रखें कि मौसम कैसा है? यदि बदलता मौसम है तो बार बार नहाने से बचें। लेकिन यदि पसीना बहुत ज्यादा आ रहा है तो दिन में कम से कम दो बार अवश्य नहाएं। इससे सीने के मुंहासों से निजात मिलने में मदद मिलेगी।
अकसर खराब डिटर्जेंट के चलते भी सीने, बगल आदि शरीर विशेष अंगों में दानें या मुंहासे होने की शिकायत बनी रहती है। अतः अच्छे डिटर्जेंट का ही उपयोग करें। याद रखें कि स्ट्रांग परफ्यूम वाले डिटर्जेंट के कारण भी मुंहासों की शिकायत देखने को मिलती है। जो डिटर्जेंट लगाने से शरीर का अनहित हो, उससे दूर रहना ही बेहतर है। खासकर सीने में खराब डिटर्जेंट के कारण आसानी से मुंहासें हो सकते हैं। सो, अच्छी गुणवत्ता तथा गंधरहित डिटर्जेंट का ही उपयोग करें।
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