खून हमारे शरीर में को संचालित कर उसे ऊर्जावान बनाने में मदद करता है, इसलिए इसका संतुलन बनाये रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो इसके कारण, डायबिटीज, कैंसर जैसी समस्यायें हो सकती हैं।
खून लाल रंग का चिपचिपा पदार्थ है जो रक्त कोशिकाओं और प्लाज्मा से मिलकर बना है, यह हमारे शरीर में प्लाज्मा के माध्यम से शरीर में चलता रहता है। मानव शरीर में लगभग 5 लीटर पानी होता है। यह कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाते हैं, पाचन क्रिया के साथ शरीर के ताप को नियंत्रित करते हैं, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। लेकिन अगर खून संबंधित कोई समस्या हो जाये तो इससे पूरा शरीर प्रभावित होता है। इसमें मौजूद, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, आयरन के साथ खून की कमी से आप आसानी से निपट सकते हैं और खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
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रक्त में शुगर की मात्रा कम और अधिक होने से भी समस्या हो सकती है। अगर ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक हो जाये तो इसके कारण डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी हो जाती है और यदि ब्लड में शुगर का स्तर कम हो जाये तो हाइपोग्लाइसेमिया की समस्या हो जाती है। यह दोनों समस्या खतरनाक हैं, इसलिए ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में होना चाहिए।
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ब्ल्ड शुगर को नियंत्रण रखने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दें, नियमित रूप से व्यायाम करें और भरपूर नींद लें। आप रोज जितनी कैलोरी लेते हैं उसमें 55 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स, 30 प्रतिशत वसा और 15 प्रतिशत प्रोटीन होना चाहिए। इसके लिए ताजे फल खायें, संतृप्त वसा का सेवन न करें और शुगर का सेवन करने से बचें।
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आयरन की कमी और से एनीमिया होता है अैर इसकी अधिकता के कारण हीमोक्रोमेटिक रोग होने लगता है। यानी शरीर में इसकी मात्रा संतुलित होनी चाहिए। आयरन की मात्रा 20 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। आयरन का मुख्य कार्य खून के प्रमुख घटक लाल रक्त कणों का निर्माण करना करना है। इतना ही नहीं हीमोग्लोबिन के निर्माण का कार्य भी आयरन ही करता है, जो शरीर के अंग-प्रत्यंगों को सुडौल बनाकर, शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
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शरीर में आयरन को संतुलित रखने के लिए खानपान का ध्यान रखें। इसके लिए चोकरयुक्त आटा, चना, मूंग और मसूर की दाल, सोयाबीन, राजमा, पालक, चौलाई की भाजी, मेथी और सरसों का साग, काजू, बादाम, सूखे मेवे, संतरा, अमरूद, आम आदि का सेवन कीजिए। रेड मीट, चिकन और मछली के अलावा अंकुरित दालों और हरी पत्तेदार सब्जियों में यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
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खून की कमी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसकी शिकार अधिकतर महिलायें हैं। बदलती जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है। वास्तव में एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। शरीर को स्वस्थ और फिट रहने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन ही हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।
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खून की कमी को दूर करने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए मांस, अंडा, मछली, किशमिश, हरी बीन्स, पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कीजिए, इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है। आयरन युक्त डाइट तभी फायदेमंद होती है, जब उसके साथ विटामिन सी का भी सेवन किया जाता है। विटामिन-सी के लिए अमरूद, आंवला और संतरे का जूस लें। कुछ लोग आयरन सप्लीमेंट्स लेना पसंद करते हैं, लेकिन इसे चिकितसक की सलाह पर ही लें।
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कोलेस्ट्रॉल न केवल शरीर में बल्कि खून में भी जमा हो जाता है, इसके कारण कई प्रकार की समस्यायें हो सकती हैं। न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के द्वारा किये गये शोध की मानें तो कोशिकाओं के अंदर विभिन्न तत्वों की आवाजाही सुनिश्चित करने वाले एक प्रोटीन की वजह से ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल रक्त में एकत्र होता है। हमारे रक्त के प्रवाह के दौरान कोलेस्ट्रॉल लिपोप्रोटीन के अंदर होता है। निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन के अंदर पाए जाने वाला कोलेस्ट्रॉल खराब कोलेस्ट्रॉल कहलाता है। यह हमारी कोशिकाओं में प्रवेश कर विभिन्न जगहों पर एकत्र हो जाता है। इसके कारण दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
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खून में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने के लिये रोजाना 40-50 मिनट तक व्यायाम कीजिए, ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिसमें वसा न हो। शराब तथा स्मोकिंग से दूर रहें। साथ ही ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी पूरा करने के लिए मछली का सेवन कीजिए। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाने में मदद करती है। इसके अलावा ताजे फल और हरी सब्जियों (विशेष रूप से पालक) का सेवन कीजिए।
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