क्या आप भी ब्रेस्ट के नीचे रैशेज की समस्या से परेशान है तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप यहां दिये कुछ सरल घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।
ब्रेस्ट के नीचे रैशेज आना बहुत ही आम समस्या है। यह तकलीफ देने वाले डर्मेटाइटिस का एक प्रकार है, जिसमें त्वचा की सिलवटों पर सूजन आ जाती है। ब्रेस्ट के नीचे रैशेज आने के प्रमुख कारणों में अधिक पसीना, एयरफ्लो की कमी तथा बहुत अधिक कसी हुई ब्रा पहनना शामिल हैं। वातावरण में गर्मी और नमी तथा मोटापा भी इस समस्या को अधिक बढ़ाते हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान आपके बड़े और ढीले स्तन भी इस समस्या का कारण हो सकते हैं। इसके कारण आप लाल चकत्ते, जलन, खुश्की ओर बहुत अधिक असुविधा अनुभव करती हैं। लेकिन इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ सरल घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।
अपने चिकित्सीय गुणों के कारण नारियल का तेल त्वचा के लिए लाभकारी होता है, विशेष रूप से रैशेज को दूर कर आराम पहुंचाता है। साथ ही अनले चिकनाई गुणों के कारण यह घर्षण के कारण आये ब्रेस्ट के नीचे चकत्तों को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण संक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं। नारियल के तेल को प्रभावित त्वचा पर लगाकर इसे पूर्ण रूप से त्वचा में अवशोषित होने के लिए छोड़ दें। चकत्ते पूरी तरह से ठीक होने तक इस उपाय को दिन में दो से तीन बार करें।
लहसुन की कुछ कलियों को रात भर जैतून के तेल में भिगोकर रखें। अगले दिन इस तेल को प्रभावित त्वचा पर लगाकर कुछ देर ऐसे ही लगे रहने दें फिर बाद में धो डालें। समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस उपाय को दिन में दो से तीन बार करें। तेल के स्थान पर आप कुटी हुई या पेस्ट किये हुए लहसुन का उपयोग भी कर सकते हैं। इसके अलावा चकत्तों को तेजी से ठीक करने के लिए अपने खाने में कच्चे या पके हुए लहसुन की मात्रा बढ़ाएं।
टीट्री ऑयल में एंटीफंगल गुण होते हैं, जिससे इसका इस्तेमाल चकत्तों के उपचार में किया जा सकता है। यह फंगस और इंफेक्शन की वृद्धि को भी रोकता है। समस्या दूर करने के लिए थोड़ी सी मात्रा में टी ट्री ऑयल और ऑलिव ऑयल लेकर मिला लें। इस तेल में कॉटन बॉल डुबोकर चकत्तों वाली त्वचा पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें, ताकी तेल त्वचा में गहराई तक पहुंच जाये। इस उपाय को नहाने के तुरंत बाद या सोने से पहले करें। लेकिन टी ट्री ऑयल को त्वचा पर सीधा लगाने से बचें क्योंकि इससे त्वचा को नुकसान हो सकता है।
एलोवेरा स्तनों के नीचे आने वाले रैशेज में होने वाली खुजली और जलन से राहत पहुंचाने में बहुत मददगार होता है। समस्या से बचने के लिए एलोवेरा की पत्तियों से ताजा रस निकालकर इसे प्रभावित त्वचा पर लगायें। आप एलोवेरा जैल के साथ हल्दी मिलाकर भी लगा सकते हैं। इसे 20 से 30 मिनट तक लगा रहने देने के बाद धो लें।
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