फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जोकि अधिकतर सर्दियों के मौसम में होती है। इसे इन्फ्लूएन्ज़ा भी कहा जाता है। यह एक श्वसन संबंधी संक्रमण है जो इन्फ्लूएन्ज़ा वायरस से होता है।
फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जोकि अधिकतर सर्दियों के मौसम में होती है। इसे इन्फ्लूएन्ज़ा भी कहा जाता है। यह एक श्वसन संबंधी संक्रमण है जो इन्फ्लूएन्ज़ा वायरस से होता है। ये संक्रमण विशिष्ट रूप से हवा या फिर एक इंसान से दूसरे में सीधे संपर्क से फैलता है। हालांकि फ्लू शॉट लगवाकर इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है। साथ ही खानपान और सफाई का रख कर भी इससे बचाव होता है। क्योंकि पुरुष सेहत के प्रति थोड़े ज्यादा लापरवाह होते हैं तो उन्हें फ्लू से बचाव की ज्यादा जरूरत होती है। तो चलिये जानें पुरुषों के लिए फ्लू के मौसम की जीवन रक्षा गाइड।
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सही खानपान से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। क्योंकि हमारे इम्यून सिस्टम का तीस से चालीस प्रतिशत भाग तो खानपान और पाचन पर ही निर्भर करता है। तो दही जैसे प्रोबायोटिक्स की दैनिक खुराक शुगर, मीट, दवाओं और तले-भुने भोजन की वजह से शरीर में होने वाले कुदरती असंतुलन को ठीक करती है। साथ ही दिन में पांच फल या सब्जी खाने का नियम भी बनाना चाहिये। साथ ही मेवे और ऑयलसीड्स भी इम्यूनिटी के जबर्दस्त भंडार होते हैं, इनका भी सेवन करें। इसके अलावा, ग्रीन टी पियें।
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डॉक्टर बताते हैं कि फ्लू के कीटाणु सूंघने से या सांस के जरिए नहीं फैलते, बल्कि ये हमारे हाथों के माध्यम से चेहरे पर और फिर आंखों, कानों, नाक और मुंह से शरीर में प्रेश करते हैं। लोग जाने-अनजाने कई चीजें छूते हैं- जैसे कि दरवाजे के हैंडल, बिजली के स्विच, टेलीफोन, कीबोर्ड आदि। और इनमें छुपे फ्लू के तमाम कीटाणु और बैक्टीरिया हमारे हाथों के जरिए शरीर में चले जाते हैं। तो किसी भी संक्रमण संभावित चीज को छूने के बाद या बाहर से घर आने पर हाथ धोने की आदत डालें।
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फ्लू से बचाव के लिए टीका लगवाना एक कारगर तरीका है। 6 महीने से 18 साल की आयु वर्ग के सभी बच्चे को तो ये टीका जरूरी लगवायें। क्योंकि इससे प्रकृतिक तौर पर इम्युनिटी का स्तर बढ़ जाता है। इसीलिये हर साल स्कूली बच्चों सहित उन सभी लोगों को टीकाकरण की सलाह दी जाती है जो इन्फ्लूएंजा से बीमार होने या दूसरों को इन्फ्लूएंजा संचारण के जोखिम को कम करना चाहते हैं।
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गंदगी के कारण भी फ्लू का वायरस फैलता है, इसलिए स्वच्छता का विशेषतौर पर ध्यान रखें। यह वायरस आमतौर पर खांसी से हवा में फैलता है। या फिर सीधे संपर्क में आता है, जैसे हाथ मिलाने या चुंबन आदि से। इसीलिए स्वच्छता आदतों जैसे खांसते हुए मुंह को ढकना व नियमित हाथ धोने के अभ्यास से आप फ्लू को स्वयं से दूर रख सकते हैं, साथ ही दूसरे लोगों को भी इसके संपर्क में आने से बचा सकते हैं। नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें।
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कुछ एंटीवायरल दवाओं के सेवन करने से फ्लू के संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। लेकिन इन दवाओं के सेवन से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। ध्यान रहे खुद किसी भी प्रकार की एंटीवायरल दवाएं न लें।
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विटामिन सी शरीर के लिए बेहद आवश्यक होता है। फ्लू के दौरान आप चाहें तो विटामिन सी की दवाएं भी ले सकते हैं (लेकिन केवल डॉक्टर की सलाह पर) या विटामिन सी के स्रोत वाले आहार ले सकते हैं, जैसे अमरूद, किवी, पपीता, ब्रोकली, गोभी आदि। इसके अवाला सर्दियों में विटामिन डी भी शरीर के लिए जरूरी होता है। इसलिये हर रोज 15 से 20 मिनट सुबह के समय सूरज की रोशनी में बिताएं।
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फ्लू के दौरान तरल पदार्थों का सेवन करना बेहद लाभदायक और जरूरी होता है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती। इसके लिए आप चाहें तो सूप, ऑरेंज जूस, ग्रीन टी आदि ले सकते हैं। ऑरेंज जूस विटामिन सी का भी अच्छा स्रोत है, वहीं ग्रीन टी शरीर में एंटीऑक्सीडेंट पहुंचाती है। ध्यान रहे चीनी व सोडा युक्त पेय पदार्थ बिल्कुल न लें।
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