सेरोसिस एक लाइलाज बीमारी है। इसका उपचार दवा से ज्यादा परहेज से किया जा सकता है। त्वचा रोग से जुड़ी बातों को जानकर ही आप इससे अपना बचाव कर सकते है।
सेरोसिस त्वचा के रोगों को कहते है, इसे चर्म रोग भी कहते है। चर्म रोगों की उत्पत्ति शरीर में विषैले पदार्थ, पारा, आयोडिन, पोटेशियम, टीका वगैरह दवाइयों के कारण होती है। इसमें चमड़ी मोटी व लाल हो जाती है तथा वहां जलन व दर्द भी होने लगता है। ये धब्बे मटर के दाने से लेकर अठन्नी तक के आकार में हो सकते हैं। इसका कोई इलाज नहीं होता है हांलाकि कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इससे बच सकते है। इस स्लाइड शो में हम आपको उन बातों के बारे में बता रहे है:-
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2010 में हुई एक शोध के अनुसार चर्म रोगियों में मानसिक समस्यायें बढ़ने का खतरा ज्यादा हो जाता है। ऐसा भी पाया गया है कि रोगी शराब पीने लगता है। दुर्भाग्यवश, शराबी त्वचा के रोगियों का कष्ट बढ़ा देती है। ब्रिगम एंड वूमेंस हास्पिटल की एक शोध में देखा गया है कि जो लोग ऐसी बीयर जिसमें अल्कोहल की मात्रा ज्यादा हो का सेवन करते है, उसमें त्वचा रोग की संभावना बढ़ जाती है। सामान्यतौर पर जो लोग एक सप्ताह में 2-3 बार इसका सेवन करते है उनमें ये खतरा कम होता है। इसलिए त्वचा रोगियों को शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।
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गुनी-गुनी धूप सभी को प्यारी लगती है। हांलाकि त्वचा रोगियों के लिए यहीं धूप परेशानी बन जाती है।त्वचा रोग के लक्षणों में धूप की स्थिति बड़ी ही असंमजस वाली होती है। ज्यादा देर धूप में रहना त्वचा रोगियों के लिए हानिकारक होता है। वैसे थोड़ी देर धूप में रहना त्वचा रोगियों के लिए अच्छा रहता है। ये ध्यान रहें कि ज्यादा देर धूप में रहना आपके शरीर की जलन को बढ़ा सकता है।
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मौसम के बदलाव के साथ त्वचा रोगियों की समस्याएं बढ़ जाती है। ज्यादा ठड़ की वजह से त्वचा ड्राई हो जाती है जिससे त्वचा पर पपड़ी जम जाती है, जो त्वचा रोगियों के लिए बहुत कष्टकारी होता है। त्वचा की सारी नमी खत्म हो जाती है। इस दौरान केवल मॉश्चाराइजर आपको राहत दे सकता है। कोशिश करें कि ऐसे मौसम में आप घर पर रहें। साथ ही अपने आस-पास का तापमान सामान्य रखें।
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तनाव औऱ त्वचा रोग का घनिष्ठ सबंध होता है। त्वचा रोग की वजह से होनें वाले सामाजिक, शारीरिक और आर्थिक नुकसान तनाव का कारण बन जाते है। जो कि त्वचा रोग को अधिक बढ़ावा देता है । इसलिए तनाव को जितना संभव हो कम रखना त्वचा रोगियों के लिए आवश्यक होता है । तनाव से बचने के लिए आप योग और ध्यान की मदद लें सकते है। इससे आपको आराम मिलेगा।
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कुछ दवाओँ की वजह से आपके शरीर का इम्युनिटी कम हो जाता है, जो त्वचा रोग को बढ़ावा देती है। जिन दवाओं में बीटा-ब्लॉकर्स, जो उच्च रक्तचाप, मलेरिया को रोकने आदि के लिए ली जाती है। अगर आपको त्वचा रोग है तो इन दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ये आपके दर्द को बढ़ा सकती है।
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कुछ सामान्य संक्रमण जैसे स्ट्रैप थ्रोट, थ्रश और अन्य सांस से संबधित संक्रमण त्वचा के रोग का कारण बन जाते है। अगर आपको लगता है कि आपको ऐसी कोई समस्या है तो तुंरत ही डाक्टर सें संपर्क करें और सलाह लें। ये संक्रमण आपको त्वचा रोग जैसी लाइलाज बीमारी की ओर बढ़ा सकता है।
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कभी-कभी किसी विषैले कीड़े का काट लेना त्वचा रोग का कारण बन जाता है। किसी तरह की चोट लग जाने पर अगर आप उसका ठीक ढ़ग से इलाज नहीं करते तो वहां भी बैक्टीरिया जमा हो जाते है, जो आगे चलकर त्वचा को खराब कर देते है। अगर आप को भी कभी, बागवानी करते, शेविंग करतें ऐसी कोई चोट लग जाए, तो आप उसे खरोंचें नहीं साथ ही डाक्टर से भी सलाह लें। साथ ही ऐसे काम करते समय ठीक तरह से कपड़े पहने औऱ स्प्रे का प्रयोग करें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।