गुर्दे हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, इसमें किसी प्रकार की समस्या होने पर पूरा शरीर प्रभावित होता है और इसके कारण थकान की समस्या होती है, इससे निपटने के लिए कई तरीके हैं।
गुर्दे का काम हमारे शरीर में रक्त से पानी और दूसरे टॉक्सिक पदार्थों को अलग करना होता है। यह शरीर में मौजूद रसायन पदार्थों का संतुलन के
साथ रक्तचाप नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करता है। इसका एक और कार्य है
विटामिन-डी का निर्माण करना, जो हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है। दीर्घकालिक वृक्कीय रोग सामान्यतः उम्र बढ़ने के साथ पनपता है, यह तब होता है जब शरीर के दूसरे अंग सही तरीके से काम नहीं करते हैं। इस समस्या से निपटने के तरीके के बारे में विस्तार से जानें।
ImageCourtesy@GettyImages
नियमित व्यायाम एवं शारीरिक गतिविधियां करें, इससे रक्तचाप सही रहेगा और ब्लड शुगर भी नियंत्रण में रहेगा। इसके कारण मधुमेह एवं उसके
कारण क्रोनिक गुर्दे की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है।
ImageCourtesy@GettyImages
गुर्दे की बीमारी के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारकों में से एक है। डायबिटीज तभी होती है जब शरीर में गुगर की मात्रा अधिक हो जाती है,
यह गुर्दे के लिए भी ठीक नहीं है। ब्लड शुगर का स्तर अधिक बढ़ने से गुर्दा काम करना भी बंद कर सकता है। इसके कारण हाई ब्लडप्रेशर और शरीर
में खून की कमी भी हो सकती है।
ImageCourtesy@GettyImages
उच्च रक्तचाप को हमेशा उचित समय में नापकर नियंत्रित रखें, क्योंकि यह क्रोनिक गुर्दो की बीमारियों के लिये जिम्मेदार कारकों में से एक है।
वसायुक्त खाने से शरीर में कोलोस्ट्रॉल बढ़ जाता है जो दिल के साथ गुर्दे के लिए भी ठीक नहीं है।
ImageCourtesy@GettyImages
संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम से अपने वजन को नियंत्रित रखें। इससे डायबिटीज, हृदय रोग एवं अन्य बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी जो क्रोनिक गुर्दा फेल्योर की समस्या से बचाव करता है।
ImageCourtesy@GettyImages
धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन से एक विशेष बीमारी हो सकती है जिसे ऐथेरोस्कलेरोसिस कहते हैं जिससे रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है। गुर्दों में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है।
ImageCourtesy@GettyImages
जिन व्यक्तियों को गुर्दो की बीमारियों का खतरा होता है उन्हें गुर्दो की कार्यक्षमता की जांच प्राथमिकता से करवाना चाहिये। गुर्दो की बीमारियों का
जल्द निदान आवश्यक है जिससे उचित समय पर इसका उपचार हो सके।
ImageCourtesy@GettyImages
दवा दुकान से दवाओं की खरीद एवं उनका स्वयं सेवन जिसमें डा. की सलाह न ली गयी हो कई बार गुर्दोंके लिये खतरनाक हो सकता है। सामान्य
दवाएं जैसे नाम स्टेरराईट एंडी इन्फेलेमेटरी दवाएं (इब्यूप्रोफेन) आदि नियमित रूप से लेने पर वे गुर्दोंको नुकसान पहुंचा कर पूर्णत: खराब भी कर
सकती है। दर्द होने पर डा.की सलाह से ही उसका उपचार करायें एवं अपनी गुर्दोंको खतरे में न डालें।
ImageCourtesy@GettyImages
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।