डायबिटीज होने पर व्यक्ति को सबसे अधिक ध्यान खानपान पर देना चाहिए, क्योंकि इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है, खानपान से जुड़े कुछ मिथ भी हैं जिनसे बचना चाहिए।
डायबिटीज होने पर व्यक्ति को सबसे अधिक खानपान पर ध्यान देना पड़ता है। क्योंकि आहार न केवल पेट भरने के लिए ही होता है बल्कि इससे उसके शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में भी सहायक होता है। हालांकि एक बार इसकी चपेट में आने के बाद मरीज को जीवनपर्यंत इसका साथ निभाना पडता है, इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सामान्यतया डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर की सामान्य रिपोर्ट देखने के बाद लापरवाह हो जाते हैं और खाने में अनियमितता बरतते हैं। जिससे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है और समस्या होती है। लेकिन डायबिटीज में आहार से जुड़े कुछ मिथ भी हैं जिनको खारिज करना ही बेहतर है।
image source - getty images
ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने और इन्सुलिन हार्मोन की कमी से ही डायबिटीज होता है। इसके अलावा आनुवांशिक, बढ़ती उम्र, मोटापा, तनाव आदि भी इसके लिए जिम्मेदार कारण हैं। इसका उपचार नहीं किया जा सकता लेकिन खानपान के जरिये इसे नियंत्रित किया जा सकता है, इसलिए मधुमेह रोगी को डायट चार्ट का सख्ती से पालन करने की सलाह दी जाती है। मधुमेह के मरीज घर पर ही ब्लड ग्लूकोज का स्तर जान सकते हैं। मरीज की कोशिश हो कि ब्लड ग्लूकोज का स्तर फास्टिंग 70-110 मिलीग्राम/डीएल व खाने के 2 घंटे बाद का 100-140 मिलीग्राम डीएल बना रहे। इसलिए खाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इससे ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है।
image source - getty images
जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं वे यह सोचते हैं कि उनका आहार घर के अन्य सदस्यों से अलग होना चाहिए, तो यह बिलकुल ही गलत है। आप अपना खाना घरवालों के साथ भी बना सकते हैं। मधुमेह के रोगियों के लिए भी खाने के कई तरह के विकल्प होते हैं। जिन्हें डायबिटीज है और जो इससे बचे हुए हैं वो स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन कर सकते हैं। डायबिटीज के रोगी भी घरवालों के साथ फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीनयुक्त आहार और दिल के लिए स्वस्थ वसायुक्त आहार का सेवन कर सकते हैं। इसलिए अगर आप डायबिटीज से ग्रस्त हैं तो बिलकुल भी जरूरी नहीं कि घरवालों से अलग आप अपना खाना पकायें।
image source - getty images
सभी को खाने की इच्छा होती है और भूख लगने पर खाने की तलाश करता है। अगर कोई डायबिटीज से ग्रस्त है तो उसे भी भूख लगती है और वह खाने की प्रबल इच्छा भी जाहिर कर सकता है। अगर आप डायबिटिक हैं तो जरूरी नहीं कि स्वीट की बनीं सभी वस्तुयें आपके लिए निषेध हैं। अगर आप अपनी खाने की इच्छा पर काबू नहीं डालते हैं और इनसे बचते हैं तब भी शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया ब्लड शुगर पर असर डालती है। लेकिन अगर आपको स्वीट खाने की इच्छा हुई है और उसे खायेंगे तो इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए ऐसी इच्छा होने पर कोशिश करें कि स्वस्थ और हेल्दी स्नैक लें। लेकिन कभी-कभी मिठाई खाने में कोई समस्या नहीं है। हां कोशिश करें कि इसे अधिक मात्रा में न खायें, केवल इसका स्वाद लें।
image source - getty images
ऐसा मिथ है कि जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं उन्हें स्टॉर्च युक्त आहार का सेवन नहीं करना, क्योंकि इससे उनका ब्लड ग्लूकोज बढ़ेग और इसके साथ वजन भी। स्टॉर्क युक्त आहार जैसे - ब्रेड, चावल, सेरेल्स, पास्ता आदि में कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। जबकि फलों, दूध, दही में भी कार्बोहाइड्रेट होता है। सभी को अपने आहार के साथ कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए चाहे वह डायबिटीज से ग्रस्त क्यों न हो। जबकि किसी व्यक्ति का वजन तभी बढ़ता है जब अपने आहार में अधिक कैलोरी लेता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त होने के बावजूद भी आप स्टॉर्क युक्त आहार का सेवन कीजिए, इससे वजन नहीं बढ़ेगा और न ही ग्लूकोज का स्तर।
image source - getty images
डायबिटीज से ग्रस्त लोगों का मिथ यह है कि खानपान के कारण ब्लड ग्लूकोज पर कोई असर नहीं पड़ता है। तेल का प्रयोग अधिक करने से ब्लड ग्लूकोज प्रभावित हो सकता है। अगर आपने अधिक वसायुक्त आहार का सेवन कर लिया तो इसके कारण इंसुलिन का असर कम हो जायेगा, और इंसुलिन सही तरीके से काम करना भी बंद कर देगा। इससे खाने के कुछ घंटे बाद ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है। कुछ वसायुक्त आहार तो इतने नुकसानदेह हैं कि उनके सेवन से ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है और इसके कारण दिल का दौरा पड़ने की संभावना रहती है। इसलिए डायबिटीज के रोगी को संतृप्त वसा का सेवन कम कर देना चाहिए। बटर, रेड मीट, पनीर, क्रीमयुक्त दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। उच्च कैलोरीयुक्त जंक और फास्ट फूड से भी बचें।
image source - getty images
डायबिटीज होने पर ऐसा माना जाता है कि मरीज को ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें सोडियम की मात्रा कम हो। लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर आपको डायबिटीज है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने खाने से नमक और सोडियम के अन्य स्रोतों को एकदम से हटा दें। लेकिन सोडियम की मात्रा थोड़ा कम कर दीजिए, क्योंकि यह दिल के लिए सही नहीं है। सोडियम के सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और इसके कारण दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इसलिए डिब्बाबंद सूप, डिब्बाबंद सब्जियों, सलाद का मसाला और कुछ अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
image source - getty images
मधुमेह के रोगियों को खानपान को लेकर कई भ्रम होता है जिसके कारण वे ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने वाले आहारों का सेवन करने से बचते हैं। डायबिटिक्स के लिये चना या फिर बेसन बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इसमें फाइबर के साथ शरीर के लिए जरूरी विटामिन भी पाये जाते हैं। डायबिटीज के रोगी अपने डायट चार्ट में दाल डाल सकते हैं, इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा करेला, मेथी, भिंडी लौकी का सेवन करना मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
image source - getty images
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।