आधुनिक जमाने में शादी का प्रारूप कितना ही क्यों न बदल गया हो; लेकिन कुछ परंपराएं आज भी ज्यों की त्यों हैं। जी, हां! कुछ परंपराएं या प्रथाएं तो बेहद अद्भुत और दिलचस्प हैं। यहां हम शादी से जुड़ी इन्हीं अद्भुत परंपराओं और उनकी उत्पत्ति से सम्बंधित चर्चा
क्या आप कभी सोच सकते हैं कि अपनी शादी के दिन आपके हाथ में गुलदस्ता होने की बजाय लहसुन और सौंफ जैसा सुगंधित पौधों का बंडल हो सकता है? यदि आप परंपराओं से जुड़ाव महसूस करते हैं तो शायद इस परंपरा की अनदेखी करना पसंद न करे। दरअसल यह परंपरा जीवित रहने के लिए शुरु की गई थी जो बाद में परंपरा का अद्भुत हिस्सा बन गया।
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यह परंपरा मध्यकालीन इंग्लैंड और फ्रांस से सम्बंधित रखती है। देखा जाए तो यह बहुत दिलचस्प परंपरा है। दरअसल इस परपंरा के तहत शादी के दिन दुल्हन बेहद घबराई हुई होती है। इसकी वजह यह है कि शादी में आए हुए मेहमान दुल्हन की पोषाक से छीनाझपटी करते हैं जिससे दुल्हन को शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है। यही कारण है कि दुल्हन जिस इलास्टिक बैंड को पहनी हुई होती है, उसे उतारकर मेहमानों की ओर फेंक देती है।अंगूठी पहनाने की यह दिलचस्प परंपरा का मतलब है कि महिला अब उस पुरुष विशेष के अधीन है। उस पर किसी और कोई हक नहीं है। पुराने समय में यह परंपरा इजिप्ट में खासा देखी जाती थी।
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शादी के दिन दुल्हन का सजना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन दुल्हन को सजाने वाली को हूबहू दुल्हन जैसा सजना कुछ आश्चर्यजनक लगता है। दरअसल प्राचीन समय में जब लोगों को भूत प्रेत का भय हुआ करता था, तब यह प्रथा जोर शोर से मनायी जाती है। इसके तहत नई दुल्हन को भूत प्रेत से बचाने के लिए ऐसा किया जाता था। हमारे यहां घूंघट संस्कृति की निशानी है। लेकिन प्राचीन समय में दुल्हनें घूंघट भूत प्रेत से बचने के लिए दिया करती थी। रोमन यह मानते थे कि भूत घूंघट से डरते हैं। इसके इतर एक सच और घूंघट के पीछे छिपा है। असल में दूल्हे घूंघट से डरते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी शादी या तो किसी और से करा दी जा रही है या फिर उनसे कुछ छिपाया जा रहा है।
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मौजूदा समय में शादी का बड़ा और दिखावटी होने का मतलब है कि खूब सारा पैसा खर्च करना। लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। पारंपरिक रूप में दिखावटी शादियां अलग होती थीं।नोर्स परंपरा के तहत दूल्हा अपनी दुल्हन को परिचितों से छिपकर अगवा कर ले जाता था। जी, हां! यह सच है। असल में इस परंपरा का मूल उद्देश्य नव विवाहित पति-पत्नी 30 दिनों तक परिचितों से दूर रहते हैं।
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शादी खत्म होने का यह मतलब यह कतई नहीं है कि नवदम्पति अब तमाम जिम्मेदारी से फारिग हो गए हैं। शादी होने के बाद से उन्हें उनके दोस्त और परिजन परेशान करने लगते हैं। कभी खिड़की पर कुछ दे मारते हैं तो कभी उनकी कार में टिन कैन बांध देते हैं। असल में इसके तहत नव जोड़ों को परिजनों को कुछ विशेष खिलाना होता है। दिलचस्प सी लगने वाली यह परंपरा 20वीं सदी में अमरीकी सीमावर्ती लोगों द्वारा की जाती थी।यहूदी शादियों में शादी का समापन दूल्हा अपने पैरों से वाइन का ग्लास तोड़कर करता है। इसके मायने है कि अपने नाजुक से दाम्पत्य जीवन को पति-पत्नी संभालकर रखेंगे।
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