प्रोटीन सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन को लेकर अलग-अलग राय बनी हुई हैं। कुछ लोगों के अनुसार यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, वहीं कुछ इसे बस एक मिथ मानते हैं।
प्रोटीन सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक लेने से कोई फायदा नहीं होता। वहीं कुछ लोग प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोतों को नजरअंदाज कर इसके लिए दवाओं पर अपनी निर्भरता बढ़ा लेते हैं। आप प्रोटीन कब लें, कैसे लें, कितना लें और इसके साथ क्या सावधानी बरतें ये जानना भी बेहद जरूरी होता है। कई लोग मानते हैं कि अधिक मात्रा में प्रोटीन लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है औक इससे वजन बढ़ना, किडनी की समस्याएं और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं कुछ इसे बस एक मिथ मानते हैं। तो चलिये जानें कहीं आप बहुत ज्यादा प्रोटीन तो नहीं ले रहे हैं? और इसका क्या प्रभाव होता है।
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प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर का निर्माण और उसकी मरम्मत करना होता है। हमारी जरूरत की कुल कैलोरी 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से मिलनी चाहिए। हालांकि प्रतिदिन कितनी प्रोटीन की कितनी मात्रा का सेवन किया जाए, यह उम्र, भार और वर्कआउट रुटीन पर निर्भर करता है।
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प्रोटीन शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में सबसे महत्वपूर्ण है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं, ऊतकों की मरम्मत होती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। प्रोटीन शरीर के लिए सबसे जरूरी मैक्रोन्युट्रिएंट्स में से एक है। बालों, त्वचा, नाखूनों, मांसपेशियों, हड्डियों व रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन पाया जाता है। शरीर में पाए जाने वाले कई ऐसे रसायनों, जैसे हार्मोन, न्यूरोट्रांसमीटर और एंजाइम में भी प्रोटीन पाया जाता है।
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प्रोटीन की जरूरत शरीर के भार व कैलोरी के सेवन पर निर्भर करती है। आदर्श तौर पर आपकी कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत प्रोटीन से आना चाहिए। वहीं यदि आप रोजाना 2,000 कैलोरी का सेवन करते हैं तो उसमें से 600 कैलोरी प्रोटीन से आना चाहिए।
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कुछ शोध मानते हैं कि यदि कोई बहुत ज्यादा प्रोटीन लेता है, तो उसमें अनावश्यक कैलरी जाती हैं, जिस वजह से उसका वजन भी बढ़ता है। मांसाहार से लिये गये प्रोटीन में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। इसे अधिक मात्रा में लेने से हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। शाकाहार से लिए गये अधिक प्रोटीन से भी गुर्दे व मधुमेह के रोगियों को नुकसान हो सकता है। हालांकि कुछ अन्य विशेषज्ञ इसे बात को मिथ मानते हैं।
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अमेरिकन फूड एवं न्यूट्रीशियन बोर्ड के मुताबिक रोजाना 0.8 ग्राम (प्रति किलो शरीर वजन) तक ही प्रोटीन लेना चाहिए। मसल मास बढ़ाने व सख्त व्यायाम करने वालों के लिए यह संख्या दोगुनी हो सकती है। लेकिन इससे अधिक प्रोटीन गुर्दो (किडनियों) पर अतिरिक्त बोझ डालता है। वहीं कुछ अन्य विशेषज्ञ इसे बात को मिथ मानते हैं।
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देखा गया है कि लोगों में ठीक जानकारी न होने की वजह से अत्यधिक प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ लेने की होड़ लगी रहती है। खासकर खिलाड़ी प्रोटीन का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं। लेकिन कुछ विशेषज्ञों के अनुसार खिलाड़ियों को अतिरिक्त प्रोटीन की नहीं बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा की आवाश्यक्ता होती है। और कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत होता है। कार्बोहाइड्रेट को रोटी, चावल, आलू आदि से मिल सकता है।
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कोई भी प्रोटीन सप्लीमेंट एक बैलेंस्ड डाइट का विकल्प नहीं हो सकता। और वे लोग लोग जो इसका गलत इस्तेमाल करते हैं, उनमें जरूरी फैट, विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है। यदि लेते भी हैं तो अनुभवी न्यूट्रीशियनिस्ट द्वारा बताया गया ब्रांड ही खरीदें और इस बात का ध्यान रखें कि आपके प्रोटीन लेने और व्यायाम में संतुलन बना रहे।
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