गर्भ में हृदय और बड़ी रक्त वाहिनियों में विकास के दौरान हुए दोषों से जन्मजात हृदय रोग का जन्म होता है। इसके लक्षण व कुछ संकेत इस प्रकार है।
जन्मजात हृदय रोग को आमतौर पर बच्चों में हृदय रोग के रूप में जाना जाता है। यह एक सामान्य शब्द है जिसे जन्म दोष का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है और जो दिल के सामान्य कामकाज को प्रभावित करता है। जन्मजात हृदय रोग शिशुओं और बच्चों में हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण है। गर्भ में हृदय और बड़ी रक्त वाहिनियों में विकास के दौरान हुए दोषों से इन विकारों का जन्म होता है। इसके लक्षण व कुछ संकेत इस प्रकार है। image courtesy : getty images
जन्मजात हृदय रोग, भ्रूण अवस्था में अपने गठन के दौरान दिल की संरचनात्मक या कार्यात्मकता खराब होने के कारण होता है। जब तक बच्चा गर्भाशय में रहता है या जन्म के तुरंत बाद तक गंभीर हृदय की खराबी के लक्षण साधारणतः पहचान में आ जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह तब तक पहचान में नहीं आते जब तक कि बच्चा बड़ा नहीं हो जाता और कभी-कभी तो वयस्क होने तक यह पहचान में नहीं आता। जन्मजात हृदय रोग के लक्षणों की पहचान करने में यहां दिये लक्षण मददगार साबित हो सकते हैं। image courtesy : getty images
हृदय विकारों में अस्वच्छ नीला रक्त, स्वच्छ रक्त में मिलकर पूरे शरीर में प्रवाहित होने लगता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अंगों जैसे मुंह, कान, नाखूनों और होठों में नीलपन दिखाई देने लगता है। image courtesy : getty images
दिल के सही तरीके से काम न करने के कारण, जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों में फेफड़ों के संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। ऐसे बच्चों को बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होता है। image courtesy : getty images
ऐसे बच्चों में श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती है। इसमें आमतौर पर सांस लेने में कठिनाई और श्वसन दर में वृद्धि, तेजी से सांस लेना और सांस लेने के दौरान आवाज शामिल होती हैं। image courtesy : getty images
बच्चे एक्सरसाइज या किसी भी शारीरिक गतिविधियों के दौरान आसानी से थक जाते हैं या सांस तेज लेने लगते हैं। और कुछ मामलों में तो बेहोश भी हो जाते हैं। image courtesy : getty images
जन्मजात हृदय रोग होने पर कुछ बच्चों को स्तनपान या दूध पीने में सक्षम नहीं होते है, जिससे कारण उनका वजन तेजी से गिरने लगता है। image courtesy : getty images
हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को दूध पीते समय बहुत अधिक पसीना आता है। और कुछ बच्चों को सांस की तकलीफ का अनुभव भी होता है। image courtesy : getty images
सूजन एक आम लक्षण है जो बचपन या जीवन के कुछ महीनों के दौरान बच्चों में देखा जाता है। आमतौर पर सूजन में किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता है। image courtesy : getty images
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