पढ़ाई के दौरान भले ही आप अंकगणित से भागते हों लेकिन अंकों के जादू से सेहत को सुधारा जा सकता है, इस स्लाइडशो में हम आपको बता रहे हैं कि 7 अंक आपको किस तरह से फिट रखते हैं।
गरीब हो या अमीर स्वास्थ्य की मार हर किसी पर पड़ती है। किसी को कुछ समस्या होती है, किसी को कुछ। इन समस्याओं से बचने के लिए लोग बहुत पापड़ बेलते हैं लेकिन बीमारियों से छुटकारा मिलता नहीं। लेकिन अब इन सात अंकों को फॉलो करने से इन बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगा। स्वस्थ रहने के लिए इन सात अंकों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है, इनके बारे में विस्तार से जानें।
सुबह की शुरुआत पल्स रेट से करें। यह 60 से 90 बीपीएम (बीट्स प्रति मिनट) के बीच होनी चाहिए। एक्सरसाइज करने वाले या एथलीट की रेस्टिंग पल्स रेट 50 से 60 के बीच भी हो सकती है।
महिलाओं को आमतौर पर रोजाना 2000 कैलोरी और पुरुषों को 2550 कैलोरी की जरूरत होती है। पतला-मोटा होने पर यह संख्या बॉडी वेट (किलोग्राम में) का 28 से 34 गुना हो सकती है।
किसी भी बीमारी का सबसे पहले असर ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। ज्यादा देर तक ब्लड प्रेशर का बढ़ना मतलब इंसान को हाइपरटेंशन है। इससे दिल से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर का स्फाइग्नोमैनोमीटर पर रीडिंग 120/80 होनी चाहिए। अगर यह 140/90 या उससे ज्यादा है तो आपको खतरा है।
फैट्स और कार्बोहाइड्रेट्स ट्राइग्लिसराइड, बनता है और सेल्स में स्टोर रहता है। उपवास या भूखे रहने के दौरान शरीर को जब ऊर्जा की जरूरत होती है, तब यह सेल्स से निकलता है। ब्लड में इनका नॉर्मल होना जरूरी है। इसका बढ़ना हार्ट डिसीज का कारण बनता है। शरीर में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा 1.7 मिलीमोल प्रति लीटर से कम होनी चाहिए।
शरीर में फैट्स जब बढ़ने लगता है तो वो कमर के आस-पास सबसे पहले इकट्ठा होता है। महिलाओं के कमर की 35 इंच की औऱ पुरुषों की 40 इंच की होनी चाहिए। अगर कमर का साइज इससे ज्यादा होता है हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ने का खतरा रहता है।
कोलेस्ट्रॉल के बारे में हमेशा चेकअप जरूर कराना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल दो तरह के, लो डेन्सिटी लाइपोप्रोटीन (एलडीएल) और हाई डेन्सिटी लाइपोप्रोटीन (एचडीएल), होते हैं। ब्लड टेस्ट के समय डॉक्टर से इन दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल की जानकारी लें। एलडीएल 3.5 मिलीमोल प्रति लीटर से कम और एचडीएल 1.3 मिलीमोल प्रति लीटर से ऊपर और 5.2 मिलीमोल प्रति लीटर से नीचे हो।
शुगर लेवल तो हमेशा चेक कराते रहें क्योंकि डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। सुबह खाली पेट शुगर का लेवल 72-100 एमजीडीएल (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर) है तो आपका डायबिटीज कंट्रोल में हैं। खाना खाने के दो घंटे बाद भी यह लेवल 140 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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