सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा...। अगर इस वाक्य को ऐसे कहें कि, सारे जहां से खूबसूरत हिंदुस्तां हमारा... तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, इस स्लाइडशो को पढ़कर आप भी जान जायेंगे।
वैसे तो भारत में कई सारी खूबसूरत जगहें हैं जहां आप कभी भी घूमने जाओ तरोताजा होकर वापस लौटोगे। लेकिन भारत की ये पांच जगहें ऐसी हैं जहां आप अकेले भी घूमने जाओ तो खुद को अकेला महसूस नहीं करोगे। इन जगहों की खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध कर देगी और अपनी सुंदरता में खोने को मजबूर कर देगी। आइए इन जगहों के बारे में इस स्लाइड शो में विस्तार से पढ़ें।
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सिक्किम की यूमथांग घाटी को लोग ‘फूलों की घाटी’ के नाम से जानते हैं। इस घाटी में रोडोडेन्ड्रोन्स फूल की 24 अलग-अलग प्रजातियां मलती हैं। इस घाटी के शुरू होते ही आपको रोडोडेन्ड्रोन्स के जंगल दिखने शुरू हो जाते हैं। मार्च-अप्रैल से इनके पौधों में कलियाँ लगनी शुरू हो जाती हैं। मई महिने में पूरी घाटी लाल और गुलाबी रंगों के फूलों से ढक जाती है। यहां के फूलों की भीनी-भीनी सी सुगंध आपको अंदर से खुश कर देगी।
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शहरीकरण में साफ नदी या झील देखना लोगों के नसीब में नहीं है। फिर भी आपकी तमन्ना है साफ पानी की झील देखने की तो मणिपुर की लोकटक झील की तरफ रुख करें। ये झील, भारत के उत्तर-पूर्व की सबसे बड़ी साफ़ और मीठे पानी की झील मानी जाती है। इसे पूरी दुनिया में 'तैरती झील' के नाम से जाना जाता है। क्योंकि यहां फुमदी, जो कि मिट्टी, पेड़-पौधों और जैविक पदार्थों से मिलकर बनते हैं, पानी में तैरते रहते हैं जो बहुत ही खूबसूरत लगते हैं।
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पुंडूचेरी के पास और विलुपुरम ज़िले में बना आरोविल झील लोगों के आकर्षण का केंद्र है। मीरा अल्फासा ने 1968 में इस शहर को बसाया था। ये झरना तमिलनाडू के धर्मपुरी ज़िले की कावेरी नदी में स्थित है जहां लोग खासतौर पर पानी की आवाज सुनने आते हैं। इस झरने के पानी की आवाज अन्य झरनों से अलग है।
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अंत में सबसे नजदीक और सबसे प्रसिद्ध और सुंदर जगह जो अपने इतिहास की तरह आज भी समृद्ध और आकर्षक है। यह इंडिया का सबसे छोटा हिल स्टेशन है जो मुंबई से 90 कि.मी. की दूरी पर है। यहां ब्रिटिश राज में ब्रिटिशवासी गर्मी की छुट्टियां बिताने जाते थे। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय का नज़ारा देखने लायक होता है।
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उत्तराखंड के गढ़वाल जिले का नन्दा देवी पर्वत भारत का दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र का प्रसिद्ध पर्वतशिखर है। यह चमोली से 32 मील दूरी पर है। इस पर्वत शिखर में दो जुड़वां चोटियां हैं, जिनमें से नंदादेवी चोटी समुद्रतल से 25645 फुट ऊंची है। यह की चोटियों पर बैठना आपको एक अलग एहसास देगा।
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