तकनीक के बढ़ते प्रयोग के कारण आंखों की रोशनी प्रभावित हो रही है, इसका बुरा असर देखने की क्षमता पर पड़ता है, रात में आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कुछ तरीकों को आजमायें।
आंखें अनमोल हैं और इनसे ही हम इस खूबसूरत संसार को देखते हैं। लेकिन कुछ कारणों से रात में देखने की क्षमता कम हो जाती है। मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि इसके लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक हैं। लेकिन अगर आप कुछ अहतियात बरतें तो रात में देखने की क्षमता को आसानी से बढ़ा सकते हैं। तो अगर आपको रात में कम दिखाई देता है तो इन तरीकों को आजमायें और अपनी आंखों की रोशनी को बढ़ायें।
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रात के वक्त अधिक चमकीली रोशनी से बचें। चमकीली रोशनी तब और अधिक नुकसानदेह हो जाती है जब आप अंधेरे से उजाले में आते हैं। इसलिए अपने घर में अधिक चमकदार लाइट का प्रयोग न करें। अगर कहीं जा रहे हैं तो गाड़ी की लाइट, स्ट्रीट लाइट को न देखें।
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आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आंखों वाले व्यायाम कीजिए। आंखों को सुकून देने वाले व्यायाम करने से आंखों को राहत मिलती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है। दोनों हाथों को आंखों पर रखकर थोड़ी देर आंखों को आराम दीजिए।
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आंखों में भी तरल पदार्थ होता है और इससे इन्हें राहत भी मिलती है। आंखों के तरल पदार्थ के सूखने से आंखों में लालिमा, खुजली और दर्द की समस्या हो सकती है। पलक झपकाते रहने से आंखों में तरल पदार्थ कम नहीं होता। इसलिए काम के दौरान भी आंखों की नमी का खयाल रखें।
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आंखों का व्यायाम करने से देखने की क्षमता बढ़ती है। इसलिए शारीरिक व्यायाम की तरह आंखों के लिए भी व्यायाम करें। आंखों के व्यायाम कई तरह के हो सकते हैं। काम के दौरान भी आंखों को एक ही जगह न रखें। काम के साथ-साथ 20-30 मिनट बाद आंखों को एक जगह से हटाकर लगभग 20 फिट की दूरी पर दूसरी चीजों को देखें।
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यादि आप कम्प्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो उसकी ब्राइटनेस को कम करके रखें। इससे आपकी आंखों को ज्यादा जोर नहीं लगाना पडेगा और स्क्रीन की तेज रोशनी से आंखों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा और आंखों की रोशनी कम नहीं होगी।
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रात में ही नहीं अगर आप दिन में भी काम कर रहे हैं तो आंखों को आराम देने के लिए नियमित अंतराल पर ब्रेक लेते रहें। प्रत्येक एक घंटे के काम के बाद लगभग 10 मिनट का ब्रेक जरूर लें।
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तनाव से बचाव बहुत जरूरी है, यह अन्य बीमारियों का कारण तो बनता है साथ ही आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करता है। अधिक देर टीवी देखने, मोबाइल में देर तक गेम खेलने से आंखों में तनाव हो जाता है। इससे बचाव करना बहुत जरूरी है।
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अगर आप अंधेरे से रोशनी में जा रहे हैं तब भी आंखों का खयाल रखें। अचानक अंधेरे से रोशनी में जाने के बाद लगभग 10 सेकेंड तक अपनी आंखों को बंद रखें फिर आंखें खोलें। इसका मनोवैज्ञानिक असर होता है और अचानक रोशनी के संपर्क में आने के बाद आंखों की रोशनी भी कम नहीं होती।
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खानपान का असर भी आंखों पर पड़ता है। हफ्ते में कम से कम तीन दिन मछली का सेवन करें। इसके सेवन से आंखों में ड्राई-आई सिंड्रोम की समस्या दूर होती है। इसके अलावा पालक का सेवन करें यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। अंडे को भी आहार में शामिल कीजिए क्योंकि इससे ल्यूटिन और जियाक्साथिन मिलता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
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आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए कुछ विटामिन बहुत जरूरी होते हैं, इसलिए ध्यान रखें कि इनकी पूर्ति आप खानपान से करें। ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिसमें विटामिन ए, विटामिन सी मौजूद हो। विटामिन ए की कमी से रतौंधी हो सकती है। इसलिए अगर विटामिन ए की कमी है तो विटामिन ए के पूरक सप्लीमेंट का सेवन कर सकते हैं।
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