मोटापा हाजमे और प्रजनन क्षमता दोनों पर विपरीत असर डालता है। इसलिए मोटापे के संकेतों और लक्षणों को पहचानना जरूरी है ताकि समय रहते एहतियाती कदम उठाये जा सकें।
मोटापे का महिला की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। शोध में यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि मोटापा और अधिक वजन डायबिटीज और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा देता है। मोटी महिलाओं को कमर दर्द और घुटने के ऑस्टियोअर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। मोटापा हाजमे और प्रजनन क्षमता दोनों पर विपरीत असर डालता है। इसलिए मोटापे के संकेतों और लक्षणों को पहचानना जरूरी है ताकि समय रहते एहतियाती कदम उठाये जा सकें।
मोटे लोगों को शारीरिक गतिविधियां करने में दिक्कत होती है। गले और छाती के आसपास जमा अतिरिक्त चर्बी के कारण सांसें उखड़ने लगती हैं। इसलिए मोटे लोग गहरी और लंबी सांस नहीं ले पाते और इसके साथ ही उन्हें सांस लेने में परेशानी भी होती है।
वजन बढ़ने से आपके घुटनों और टखनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे उन्हें अधिक काम करना पड़ता है। इससे टांगों के ये जोड़ और मांसपेशियां तथा लोअर बैक में सूजन और जकड़न आ जाती है। आगे चलकर इसका असर हमारे पॉश्चर पर भी पड़ता है।
मोटापे के कारण कई लोगों को अवसाद हो सकता है। यह परिस्थिति केवल वास्तव में मोटे लोगों के साथ ही नहीं होती, बल्कि वे लोग भी अवसादग्रस्त हो जाते हैं, जिन्हें अपने मोटे होने का भ्रम होता है। मोटे लोग अपने शरीर को लेकर शर्मिंदा रहते हैं साथ ही उन्हें मजाक उड़ाये जाने का भी डर होता है। इसके साथ ही वे समाज से भी कटने लगते हैं। इन सब लक्षणों से भी अवसाद हो सकता है।
अधिक वजन होने के कारण सीने में जलन हो सकती है। सीने में जलन के लक्षणो में जलन के साथ-साथ गले और पसलियों के बीच के क्षेत्र में दबाव अथवा दर्द का अहसास होता है। अतिरिक्त वसा के कारण पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है। उच्च वसा और कैलोरी युक्त भोजन के कारण पेट में अम्ल बनता है और साथ ही यह मोटापे का बड़ा अहम कारण है।
हमारी नाक और गले में मौजूद नरम उत्तकों में सांस लेते समय कंपन होने से खर्राटे आते हैं। मोटापा इस समस्या को और बढ़ा सकता है। खासकर यदि आपके गले के पास अधिक चर्बी जमा है, तो आपको खर्राटे की समस्या भी अधिक होगी। आमतौर पर जिन लोगों का गला 17 इंच से ज्यादा होता है, उनमें खर्राटे लेने की प्रवृत्ति अधिक होती है।
मोटापा उच्च रक्तचाप का अहम कारण है। मोटापा और उसके कारण होने वाला उच्च रक्तचाप अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है। इसके कारणर आपको डायबिटीज, किडनी की बीमारियां हो सकती हैं। मोटापा और खासकर कमर के आसपास जमा अतिरिक्त चर्बी का उच्च रक्तचाप से गहरा संबंध होता है। इसके कारण आपको दिल की बीमारियां हो सकती हैं। एक शोध के मुताबिक उच्च रक्तचाप के दो तिहाई मामलों का सीधा संबंध मोटापे से होता है।
मोटापे और कमर दर्द से परेशान लोग डॉक्टर के पास बड़ी संख्या में जा रहे हैं। मोटापे के कारण हमारी कमर की मांसपेशियों पर गहरा असर पड़ता है। कमर के उत्तकों को नुकसान होता है इससे उनमें सूजन और दर्द होने लगता है। इसके साथ ही डिस्क में फ्रेक्चर होने की समस्या भी हो सकती है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
मोटापा कई तरह से आपकी त्वचा पर असर डालता है। हॉर्मोन में बदलाव के कारण आपकी त्वचा की रंगत गहरी हो सकती है। मोटापे के कारण शरीर के मोड़ और गर्दन के आसपास स्ट्रेच मार्क्स हो सकते हैं। शरीर में नमी की मात्रा एकत्रित होने से फंगस और बैक्टीरिया संक्रमण के खतरे भी बढ़ जाते हैं, इससे स्किन रैशेज और कई पकार के संक्रमण हो सकते हैं। अधिक वजन से आपके पैरों की मांसपेशियों पर भी अधिक जोर पड़ता है।
नसों में सूजन होना कोई अच्छी बात नहीं। इससे रक्तवाहिनियों की दीवारें कमजोर हो जाती हैं। ये नसें नीली अथवा बैंगनी रंगों में नजर आती हैं। पारिवारिक इतिहास, उम्र, गर्भावस्था के अलावा मोटापा नसों में सूजन का एक अहम लक्षण है। एक अनुमान के अनुसार 40 से 50 वर्ष की आयु के बीच की 50 फीसदी महिलाओं ओर 60 से 70 वर्ष की आयु की 75 फीसदी महिलाओं में यह समस्या देखी जाती है।
शरीर के वजन में अधिक बदलाव होने से माहवारी पर अंतर पड़ता है। मोटापे के कारण माहवारी न होना, अनियमित माहवारी होना, ऑव्युलेशन न होना और लंबा तथा भारी पीरियड होने जैसी समस्यायें हो सकती हैं। ऐसा मोटापे के कारण आपके हॉर्मोंस में आने वाले बदलाव जिम्मेदार होते हैं।
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