
Iron Need During Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में खून की कमी होने की अधिक संभावना होती है, जिस कारण थकान, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी और नाखून, आंखें व होंठ पीले होने लगते है। आइए जानें, गर्भावस्था में आयरन युक्त आहार क्
गर्भावस्था के दौरान महिला को अपनी और अपने होने वाले बच्चे की सेहत के लिए कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यह पोषक तत्वों से इस दौरान महिलाओं को कमजोरी से दूर रखते हैं साथ ही जिससे इस दौरान उस महिला को कमज़ोरी ना हो, और ना ही होने वाले बच्चे को कोई नुकसान हो।
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि गर्भवती महिलाओं में प्रसव के दौरान खून की कमी हो जाती है, जिस कारण उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार शरीर में खून की कमी के कारण काफी गंभीर स्थिति आ सकती है। इसके चलते जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की सही मात्रा होना बहुत जरूरी है। यही वजह है कि डाक्टर गर्भवती माहिलाओं को इस दौरान विशेष रूप से आयरन सफ्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। इसलिए गर्भावती महिलाओं को डॉक्टर अक्सर आयरन की गोलियां खाने की सलाह देते हैं। आइए जानें कि गर्भावस्था के दौरान आयरन की कितनी मात्रा जरूरी है और आयरन की कमी से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से होने वाले नुकसान
शरीर में आयरन की कमी तब होती है, जब लाल रक्त कोशिकाओं से शरीर में ऑक्सीजन वहन करने के लिए पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होता। गर्भावस्था के दौरान सबसे ज्यादा होने वाली आम समस्या हीमोग्लोबिन की कमी है। गर्भावस्था में आयरन की कमी एनीमिया का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, आयरन की कमी से जन्म लेने वाले शिशु और मां में कमजोरी और एनीमिया का कारण बनती है। गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी का पता खून की जांच के लिए होने वाले हीमोग्लोबिन टेस्ट से पता लगाया जा सकता है।
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गर्भावस्था में क्यों जरुरी है आयरन?
- गर्भावस्था के दौरान आयरन की र्प्याप्त मात्रा होना महिला व उसके बच्चे के लिए बेहद जरूरी होता है। क्योंकि आयरन की कमी से बच्चे का मस्तिष्क का विकास प्रभावित हो सकता है।
- इसके अलावा, बच्चे का सामान्य कम वजन होना भी आयरन की कमी का परिणाम हो सकता है।
- गर्भावस्था में खून की कमी के सबसे आम लक्षण हैं सांस लेने में कठिनाई एवं थकान होना। आयरन की कमी बच्चे को सांस संबंधी बीमारियों या फिर एनीमिया का शिकार बना सकती है।
- गर्भवती महिला के शरीर को सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक खून की मात्रा होनी चाहिए। क्योंकि गर्भवती महिला में आयरन की आवश्यकता भी बढ़ जाती है।
- आयरन की कमी के कारण एनीमिया, समय से पहले डिलवरी और कम वजन या अल्पविकसित शिशु पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
- दूसरे और तीसरे माह में एक गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे को आयरन की अधिक की जरूरत होती। इसलिए गर्भावती महिलाओं को उस समय आयरन की अधिक जरुरत होती है।
गर्भावस्था में आयरन की मात्रा है जरूरी?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में आयरन की मात्रा सामानय से 50 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए। यानि महिला को हर रोज 30 मिलीग्राम आयरन लेना चाहिए। इसके अलावा, एनीमिया से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को रोज 120 मिलीग्राम आयरन सप्लीमेंट जरूरी रूप से लेना चाहिए।
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आयरन के स्त्रोत
विटामिन-स आपके शरीर में भोजन से आयरन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए आप अपनी डाइट में दाल, पालक, मेथी, सरसों, बथुआ, धनिया और पुदीना जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। खूब सारे फल व फलों का जूस पिएं, जैसे कि संतरे का जूस। इससे भी हीमोग्लोबिन की कमी से बचा जा सकता हैं। इसके अलावा कच्चे नारियल के कुछ टुकड़े, मेवे, किशमिश और खजूर खाएं। मूंगफली की पट्टी, रेवड़ी आदि में भी आयरन की भरपूर मात्रा होती है।
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