
आइए हम आपको बताते हैं कि गर्भावस्था के तीसरे ट्राइमेस्टर में कौन-कौन से व्यायाम किस तरह से किये जा सकते हैं और इनके फायदे क्या हैं।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में व्यायाम करना बहुत कठिन होता है। इस समय आपका वजन 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाता है। इस दौरान आपके शरीर में हार्मोनल, एनाटॉमिकल और फिजिकल बदलाव हो जाते हैं। आपका शरीर ज्यादा एक्टिव नहीं रहता है।
इस दौरान आप जिम भी नहीं जा सकतीं और घर के बाहर ज्यादा देर तक वर्कआउट करना भी मुश्किल होता है। लेकिन आलस को कम करने और शरीर को फिट रखने के लिए कुछ न कुछ तो करना जरूरी है। आइए हम आपको बताते हैं कि गर्भावस्था के तीसरे ट्राइमेस्टर में कौन-कौन से व्यायाम किस तरह से किये जा सकते हैं और इनके फायदे क्या हैं।
एक्सरसाइज करने के तरीके
- इस दौरान आपका शरीर बहुत भारी हो जाता है। इसलिए आपके लिए ज्यादा हिलना-डुलना आसान नहीं होता। इसलिए एक्सरसाइज आराम से और धीरे-धीरे कीजिए। थर्ड ट्राइमेस्टर में पॉवर योग वाले एक्सरसाइज करने के बारे में सोचिए भी मत, क्योंकि इससे आप और भ्रूण दोनों को चोट लग सकती है।
- गर्भावस्था के तीसरे ट्राइमेस्टर में व्यायाम के दौरान पेट पर कोई सपोर्टर (बेली बैंड) लगा दीजिए, इससे व्यायाम के दौरान पेट पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता । अगर आप बिना बेली बैंड के एक्सरसाइज करती हैं तो आपका संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए एक्सरसाइज करने से पहले बेली बैंड का प्रयोग अवश्य कीजिए।
- सबसे पहले एक चटाई जमीन पर बिछाकर दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाकर उस पर बैठ जाइए। उसके बाद आराम से अपने दोनों हाथों को दाहिने और बाई तरफ आराम से मोडि़ए। इस क्रिया को तीस मिनट तक किया जा सकता है। इससे कमर दर्द में फायदा मिलता है।
- तीसरी तिमाही में स्वीमिंग की जा सकती है, लेकिन जरा एहतियात के साथ। इस दौरान पानी में तैरने की बजाय पानी में वॉक कीजिए। इससे आपके हडि़डयों के जोड़ मजबूत होते हैं और आपको किसी के सहारे की भी जरूरत भी नहीं होती है। पानी में वॉक करने से तनाव में भी राहत मिलती है।
- योगा के साधारण आसनों को भी किया जा सकता है। कैट पोज आसन करने से बच्चे को राहत मिलती है। कैट पोज करने से डिलीवरी में आसानी होती है, क्योंकि इस आसन से आपका भ्रूण डिलीवरी के दौरान होने वाली सही स्थिति में पहुंच जाता है। इसके अलावा प्राणायाम भी किया जा सकता है।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही मां और शिशु के लिए निर्णायक समय होता है। इस दौरान अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही शिशु और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलि व्यायाम किसी एक्सपर्ट की निगरानी में कीजिए या फिर चिकित्सक से सलाह लीजिए।
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