
एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि अक्सर एनर्जी ड्रिंक्स को शराब के साथ लिया जा रहा है। अधिकांश एनर्जी ड्रिंक्स के अवयवों में पानी, चीनी, कैफीन, कुछ विटामिन, खनिज और गैर-पोषक उत्तेजक पदार्थ ज
एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक सेवन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, रक्तचाप, मोटापा और गुर्दे की क्षति समेत कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि अक्सर एनर्जी ड्रिंक्स को शराब के साथ लिया जा रहा है। अधिकांश एनर्जी ड्रिंक्स के अवयवों में पानी, चीनी, कैफीन, कुछ विटामिन, खनिज और गैर-पोषक उत्तेजक पदार्थ जैसे गुआरना, टॉरिन तथा जिन्सेंग आदि शामिल रहते हैं।
एनर्जी ड्रिंक्स में लगभग 100 मिलीग्राम कैफीन प्रति तरल औंस होता है, जो नियमित कॉफी की तुलना में आठ गुना अधिक होता है। कॉफी में 12 मिलीग्राम कैफीन प्रति तरल औंस होता है। एनर्जी ड्रिंक्स में उपरोक्त सभी स्वास्थ्य जोखिम इसमें मौजूद चीनी और कैफीन की उच्च मात्रा के कारण होता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्म श्री डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, एनर्जी ड्रिंक्स शरीर के लिए नुकसानदेह हैं। उनमें कैफीन की अधिक मात्रा होने से युवाओं एवं बूढ़े लोगों में हृदय ताल, रक्त प्रवाह और रक्तचाप की समस्याएं हो सकती हैं। इन पेय पदार्थो में तौरीन नामक एक तत्व होता है, जो कैफीन के प्रभाव को बढ़ाता है। इसके अलावा, जो लोग शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक्स पीते हैं, वे इसके प्रभाव में अधिक शराब पी जाते हैं। एनर्जी ड्रिंक्स लेने से शराब पीने का पता नहीं लग पाता, जिस कारण से लोग अधिक पीने के लिए प्रेरित होते हैं।
18 वर्ष से कम उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं, कैफीन के प्रति संवेदनशील लोगों, एडीएचडी के लिए निर्धारित दवा जैसे एडर आदि लेने वालों के लिए एनर्जी ड्रिंक्स खास तौर पर अधिक नुकसानदेह होते हैं।
यहां कुछ खाद्य पदार्थ बताये जा रहे हैं जो दिन भर सतर्क और उत्साहित रखने में आपकी मदद कर सकते हैं, वो भी स्वाभाविक रूप से-
ग्रीन टी: इसमें विटामिन ए, बी, सी और ई होता है, और यह परिसंचरण तथा चयापचय में सुधार करती है। इसमें एल-थेनाइन भी शामिल है जो कि एक एंटीऑक्सिडेंट है।
गेहूं का सेवन: यह विटामिन ए, सी, ई, बीटा कैरोटीन, एमिनो एसिड और कैल्शियम से समृद्ध होता है। विटामिन बी, विशेष रूप से बी 12, अयरन और मैग्नीशियम ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में आश्चर्यजनक कार्य करते हैं।
केला: इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम, सोडियम, कैल्शियम, और फास्फोरस समेत इलेक्ट्रोलाइट्स उपस्थित होने के कारण थकान से लड़ने में मदद मिलती है।
पानी: एक व्यक्ति जब ऊर्जा के स्तर में कमी का अनुभव करता है, तब उसका मतलब होता है कि उसके शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। थकान को दूर करने के लिए पर्याप्त पानी का उपयोग करना सुनिश्चित करें।
नट: ये प्रोटीन से समृद्ध होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर कर देते हैं। अखरोट और बादाम मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड में उच्च होते हैं, जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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