
गर्भावस्था के दौरान आपके तीन जरूरी गोलियों, फॉलिक एसिड, कैल्शियम और आयरन का सेवन करना बहुत आवश्यक होता है। लेकिन आयरन और कैल्शियम की गोलियां साथ नहीं लेनी चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान आपके तीन जरूरी गोलियों का सेवन करना बहुत आवश्यक होता है वे हैं, फॉलिक एसिड, कैल्शियम और आयरन टैबलेट्स। हालांकि दूसरी तिमाही के बाद फोलिक एसिड की मात्रा को कम किया या रोका जा सकता है। लेकिन प्रसव के बाद भी आपकी कैल्शियम और आयरन की खुराक को जारी रखने की सलाह दी जाती है। इन तीनो का ही गोलियों का गर्भावस्था के समय अपना-अपना योगदान होता है। लेकिन फिर बात ये आती है कि भला इनकी गोलियों का सेवन किस प्रकार किया जाए? तो चलिये जानें कि प्रेगनेंसी में आयरन और कैल्शियम की जरूरत क्यों है और इन्हें साथ लिया जाना चाहिये या नहीं।
फॉलिक एसिड और आयरन की कमी से गर्भावस्था के दौरान एनीमिया हो सकता है जिस कारण प्लेसेंटा को ठीक प्रकार से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और गर्भवती महिलाओं को थ्रोम्बोलसिस और ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। तो चलिये जानें कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कैल्शियम, आयरन व फॉलिक एसिड किस प्रकार लाभदायक है।
गर्भवती महिलाओं के लिए कैल्शियम
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पर्याप्त कैल्शियम की जरूरत होती है, क्योंकि यह गर्भस्थ शिशु और मां दोनों के लिए आवश्यक होता है। उम्र बढ़ने के साथ भी अतिरिक्त कैल्शियम की जरूरत होती है, जिसकी आपूर्ति करना जरूरी होता है। जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता, तो वह हड्डियों से कैल्शियम लेने लगता है। ऐसा होने पर आहार के माध्यम से कैल्शियम की भरपाई आवश्यक हो जाती है। लेकिन शरीर को कितनी मात्रा में कैल्शियम चाहिए, यह जानना भी आवश्यक है। यदि आप कैल्शियम की गोली ले रही हैं, तो इसे खाली पेट कभी न लें। कुछ लोगों को कैल्शियम रूप में पूरक आहार लेने से पेट में गैस बनने के साथ भूख न लगने की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा मुंह सूखना, बार-बार पेशाब होना, मुंह का स्वाद बिगड़ना, उल्टियां होना, कब्ज तथा पेट दर्द आदि समस्याएं भी हो सकती है। इनमे से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से मिलें।
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन
यदि खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो, तो आयरन की गोलियां खाने की सलाह दी जाती है। महिलाओं को इसकी अधिक जरूरत होती है। आयरन की जरूरत हीमोग्लोगिन बनाने के लिए होती है। यह प्रोटीन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है जो शरीर के विभिन्न अंगों तथा ऊतकों में ऑक्सीजन देने का काम करता है। गर्भावस्था में आपके शरीर को सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक रक्त की जरूरत होती है, इसलिए आपकी आयरन की आवश्यकता भी उसी हिसाब से बढ़ जाती है। आहार में आयरन की आवश्यकता के अनुसार मात्रा न होने पर आयरन की कमी या एनीमिया हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि आयरन की गोली खाली पेट न लें। खाने से आधे घंटे बाद इनका सेवन करें। आयरन सप्लामेंट लेने के साथ-साथ सीट्रस फ्रूट्स जैसे नींबू, नारंगी आदि का सेवन भी करती रहें।
आयरन की कमी है गंभीर समस्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों के हिसाब से भारत में 65 से 75 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी पायी जाती है। गर्भावस्था के दौरान यह रोग फोलिक एसिड की कमी की वजह से होता है जिसे फोलेट की कमी से होने वाला एनीमिया या हाइपरनिसिस ग्रेविद्रम कहा जाता है। शोध बताते हैं कि गर्भावस्था की पहली दो तिमाहियों में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से समय से पहले प्रसव और कम वज़न वाले शिशु के जन्म की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए फॉलिक एसिड
फॉलिक एसिड (जिसे फॉलेट भी कहा जाता है) आनुवंशिक बीमारियों को लगभग 70 प्रतिशत तक कम करता है। गर्भावस्था के दौरान फॉलिक एसिड बहुत ही आवश्यक होता है। गर्भावस्था के दौरान फॉलिक एसिड का सेवन बच्चों में स्पाइना बिफिडा और दूसरी विसंगतियों को रोकने में मदद करता है। प्राकृतिक तौर पर यह सब्जियों और नाश्ते लायक कुछ दलहनों में भी पाया जाता है। इसके अलावा जिन मछलियों में तेल पाया जाए (जैसे हेरिंग, मकरील, सालमन या सार्डिन), वे भी लाभदायक होती हैं।
साथ न खाएं आयरन की गोली कैल्शियम के साथ
गोलियों को डॉक्टर के द्वारा बताए समय के अनुसार अनुशषन से लें। और हां, आयरन की गोली कैल्शियम के साथ न लें। दोनों के खाने के बीच में कुछ देर का अंतर रखें। आप फॉलिक एसिड को सुबह में या दोपहर के भोजन के साथ ले सकती हैं। आयरन और कैल्शियम की गोलियों के लेने के बीच समय का अंतर रखें। क्योंकि यदि आप कैल्शियन और आयरन को साथ मे लेती हैं तो कैल्शियम शरीर द्वारा आयरन के अवशोषण में हस्तक्षेप करेगा। जिससे कि भ्रूण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। तो इस सभी गोलियों, बिना किसी समस्या पूरा लाभ लेने के लिए, इन्हें लेने के समय के बीच अंतर बनाए रखें।
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