
2010 में डेंगू के जहां केवल 28,292 मामले सामने आए थो वो 2016 में बढ़कर 1,11,880 हो गए। इसी तरह इससे मरने वालों की संख्या भी दोगुनी हो गई। 2010 में डेंगू की वजह से 110 लोगों की जान गई थी वहीं 2016 में ये संख्या 227 पहुंच गई।
पिछले कुछ सालों में डेंगू के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल तो डेंगू ने कहर ही मचा दिया था और पिछले पांच सालों के डेंगू के मामलों को पीछे छोड़ते हुए हजार के आंकड़े को पार कर लाख के आंकड़ें में पहुंच गया। डेंगू के इन बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने कई पहल भी कीं साथ ही इसके लिए एक दिन भी निश्चित कर दिया जिसे नेशनल डेंगू डे के तौर पर मनाया जाता है।
नेशनल डेंगू डे
16 मई को नेशनल डेंगू डे मनाया जाता है। जून के बाद से बारिश शुरू हो जाती है जिससे जगह-जगह मच्छर पनपने लगते हैं और डेंगू अपने पैर पसारने लगता है।
पिछले साल तो जब डेंगू के मामले एक लाख तक पहुंच गए तो भारत सरकार ने नेशनल डेंगू डे मनाने का निश्चय किया जिससे की लोग वक्त रहते सतर्क हो जाएं और डेंगू से बच सकें। ये दिन लोगों के बीच में जागरुकता फैलाने के लिए निश्चित किया गया है। क्योंकि मई में गर्मी होती है और इसी के बाद बारिश का मौसम आता है जिसमें डेंगू के मच्छर पैदा होने शुरू होते हैं।
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साल दर साल बढ़ रहे मामले
साल दर साल डेंगू के मामले में बढ़ोतरी हो रही है। 2010 में डेंगू के जहां केवल 28,292 मामले सामने आए थो वो 2016 में बढ़कर 1,11,880 हो गए। इसी तरह इससे मरने वालों की संख्या भी दोगुनी हो गई। 2010 में डेंगू की वजह से 110 लोगों की जान गई थी वहीं 2016 में ये संख्या 227 पहुंच गई।
डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य दिल्ली, पंजाब, गुजरात, हरियाणा और पश्चिम बंगाल रहे हैं।
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डेंगू के लक्षण
- तेज़ बुखार
- तेज सिर दर्द
- आंखों में दर्द
- मतली और उल्टी
- ग्रंथियों में सूजन
- पैरों और जोड़ों में दर्द
बचाव
- डेंगू से बचने का एकमात्र तरीका है कि घर में मच्छरों को पनपने ना दें और मच्छर वाली जगह में न जाएं।
- डेंगू का मच्छर केवल दिन में काटता है। इसलिए दिन में पूरे स्लीव्स के शर्ट और फुल पैंट में रहें।
- डेंगू में इंसान के खून में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। इसलिए डेंगू की संभावना होते ही बकरी का दूध पीना शुरू करने दें।
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