
28 राज्यों में 3 महीने में बढ़े कोरोना मामलों के आधार पर स्टडी में वैज्ञानिकों ने बताया कि बारिश और ठंड में कोविड-19 मामलों में आ सकता है भारी उछाल।
भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले ही तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में 35,000 से ज्यादा मरीज रोजाना सामने आने लगे हैं। इसी बीच आईआईटी (IIT) और एम्स (AIIMS) के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने स्टडी के बाद एक ऐसा दावा किया है, जो सरकारों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा सकता है। आईआईटी भुवनेश्वर और एम्स द्वारा की गई एक साझा स्टडी में ये बात सामने आई है कि मॉनसून और उसके बाद सर्दियां आते ही कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल आ सकता है।
स्थिति हो सकती है और भयावह
लॉकडाउन 1 के समय देशभर में 500 के लगभग मामले थे। उस समय लोगों के मन में इस वायरस के प्रति डर देखा जा रहा था, जिसके कारण लोग अतिरिक्त सावधानी बरत रहे थे। आज जब देशभर में मामले 11 लाख से ज्यादा की संख्या पार कर चुके हैं और हर दिन 35-40 हजार नए मामले सामने आने लगे हैं, तब लोगों के मन में इस वायरस का डर खत्म हो चुका है। यही कारण है कि अनलॉक 1 और 2 बाद देशभर में लोग सार्वजनिक स्थानों पर बिना सुरक्षा के घूमते-टहलते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे लापरवाही भरे माहौल के बीच IIT और AIIMS के वैज्ञानिकों के द्वारा की गई ये स्टडी चिंता की बात हो सकती है।
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मौसम ठंडा होने से बढ़ जाएगी वायरस के फैलने की गति
आईआईटी भुवनेश्वर के ओशियन एंड क्लाइमेटिक साइंसेस के स्कूल ऑफ अर्थ विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर V. Vinoj और उनकी टीम द्वारा की गई स्टडी में दावा किया है कि लगातार होने वाली बारिश के कारण तापमान घट रहा है, जिससे मौसम धीरे-धीरे ठंडा होने लगा है। जल्द ही सर्दियां शुरू हो जाएंगी। ठंडा मौसम कोविड-19 फैलाने वाले कोरोना वायरस के अनुकूल होता है। इस स्टडी में भारत के 28 राज्यों में अप्रैल से लेकर जून तक फैलने वाले कोरोना वायरस के मामलों का अध्यय किया गया है। आईआईटी और एम्स के द्वारा कई गई इस स्टडी रिपोर्ट का टाइटल है, "Covid-19 spread in India and its dependence on temperature and relative humidity"।
मौसम में नमी से बढ़ सकता है डबलिंग रेट
स्टडी में वैज्ञानिकों ने बताया कि तापमान बढ़ने से वायरस के फैलने की गति कम होती है, जबकि तापमान में कमी और मौसम में नमी के कारण बीमारी तेजी से बढ़ सकती है और डबलिंग रेट तेज हो सकता है। स्टडी के मुताबिक तापमान में 1% की बढ़ोत्तरी होने पर वायरस के फैलने की गति में 0,99% की कमी आती है, जबकि डबलिंग रेट का समय 1.13 दिन ज्यादा बढ़ जाता है। इससे वायरस के फैलने की गति स्वाभाविक रूप से कम हो जाती है।
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पहले भी देखा गया है उछाल
रिसर्च टीम का हिस्सा रहे एम्स भुवनेश्वर के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के Dr. Bijayini Behera ने बताया कि पहले हुई कई स्टडीज हमें ये बताती हैं कि तापमान कम होने और मौसम में नमी के कारण पहले भी अचानक से मामलों में उछाल आया था। वैज्ञानिकों ने बताया कि चूंकि ये स्टडी हाई ह्यूमिडिटी (बहुत ज्यादा नमी वाला मौसम) के समय नहीं की गई है, जो कि मॉनसून से सर्दियों के बीच आता है, इसलिए इसके प्रभाव के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस बारे में और अधिक अध्ययन करने की जरूरत है। स्टडी के प्रमुख Vinoj ने कहा कि उनके अध्ययन का उद्देश्य यह था कि महामारी से निपटने के लिए प्रभावी कदम सही समय से उठाए जा सकें।
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