
एक नए शोध के अनुसार अगर आपका बच्चा अस्थमा से ग्रस्त है, तो उसके बचपन या किशोरावस्था के बाद मोटापे के शिकार होने की संभावना अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा होती है।
अस्थमा बच्चों में सबसे आम पुरानी बीमारी है जिसमें बच्चे को साँस लेने में कठिनाई होती है, लेकिन एक नए शोध के अनुसार अगर आपका बच्चा अस्थमा से ग्रस्त है, तो उसके बचपन या किशोरावस्था के बाद मोटापे के शिकार होने की संभावना अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा होती है। शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि सामान्य बच्चे की तुलना में अस्थमा से पीड़ित छोटे बच्चों में अगले एक दशक में मोटापे के शिकार होने की संभावना 51 प्रतिशत ज्यादा है।
अमेरिका के दक्षिणी कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फैंक डी गिलीलैंड के अनुसार “जल्दी रोग की पहचान और इलाज से बचपन की मोटापे की महामारी को रोका जा सकता है।” यद्यपि शोधकर्ता यह साफ नहीं कर सके कि अस्थमा पीड़ित बच्चों में ज्यादा मोटापे का खतरा रहता है या मोटापे के शिकार बच्चों में अस्थमा के विकास का खतरा रहता है।
अस्थमा ग्रस्त बच्चों में मोटापे के शिकार होने की प्रबल संभावना के एक कारण में सांस संबंधी समस्याओं के कारण ऐसे लोगों के खेल और एक्सरसाइज में कमी होना है। गिलीलैंड ने कहा कि इसके अलावा अस्थमा के दवाओं का प्रभाव भी वजन के रूप में पड़ता है। अस्थमा और मोटापे से दूसरी उपापचयी बीमारियां भी पैदा होती हैं। इसमें पूर्व-डायबिटीज और बाद में टाइप टू मधुमेह की बीमारियां हैं।
गिलीलैंड ने कहा कि शोध में यह भी सुझाव दिया गया है कि अस्थमा इनहेलर से मोटापे को रोकने में मदद मिलती है। शोध के लिए दल ने 2171 किंडरगार्टेनर और पहली कक्षा के छात्रों के रिकॉर्ड का अध्ययन किया। इसमें 13.5 प्रतिशत बच्चों को अस्थमा था। लेकिन यह मोटापे के शिकार नहीं थे। इस शोध का प्रकाशन ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ रिस्पाइरेटी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसीन’ में प्रकाशित हुआ है।
News Source : Medical News Today
Image Source : Getty
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