
कैंडिडा एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है, जो जीभ, नाखून, त्वचा, किडनी, पाचनतंत्र आदि अंगों में हो सकता है। जानें इसके सभी लक्षण और कुछ आसान घरेलू नुस्खे।
कैंडिडा मानव शरीर में एक तरह की फफूंद होती है। यह मुँह, पैरों के नाखून, त्वचा व पाचन तन्त्र आदि जगहों पर हो सकती है। इस फफूंद से वैसे तो कोई समस्या नहीं होती है पर जब यह बहुत अधिक हो जाती है तो इससे इंफेक्शन होने का खतरा हो सकता है। कैंडिडा एक बार बढ़ने के बाद बहुत तेजी से फैलती है और इससे फंगल इंफेक्शन हो जाता है। जो कि बहुत आम समस्या है। कैंडिडा की समस्या अधिक एंटी बायोटिक लेने, ज्यादा शुगर व कार्ब हाई डाइट खाने से, अधिक शराब पीने से व कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण होती है।
कैंडिडा के मुख्य लक्षण
मुंह में होने वाली फंगस
इस इंफेक्शन को ओरल थ्रश कहा जाता है। यह छोटे बच्चों में व जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है उन्हें अधिक होता है। यदि आप अपने मुंह की अच्छे से सफाई नहीं करते हैं तो भी इसके होने की अधिक संभावना रहती है। यह मुख्य तौर से मुहं में सफेद रंग की उभरी हुई त्वचा के रूप में होता है। आप के गाल, जीभ व मसूड़ों में यह ज्यादा देखने को मिलता है। इसमें आप को बहुत दर्द भी हो सकता है।
इसे भी पढ़ें: आपकी त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकता है फंगल इंफेक्शन, इन 5 तरीकों से पाएं छुटकारा
थकान महसूस होना (feeling tiredness)
कैंडिडा के कारण गंभीर इंफेक्शन हो जाने पर आपको थकावट महसूस होती है। दरअसल शरीर में पोषण की कमी होने के कारण आप को ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है। यह इंफेक्शन ज्यादातर तब होता है जब आप की इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो। यदि आप की इम्यूनिटी कम होगी तो आप वैसे ही बहुत जल्दी थक जाएंगे और अपने पूरे शरीर में एक खालीपन महसूस करेंगे।
जोड़ों में दर्द (pain in joints)
जब कैंडिडा स्किन के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाता है, तब यह शरीर की हड्डियों और जोड़ों को प्रभावित करने लगता है। यह भी एक कारण होता है गठिया का। इसकी वजह से हड्डियों और जोड़ों में सूजन व दर्द होने लगता है।
पाचन समस्याएं (digestion problem)
आप के पाचन के लिए आप के पेट के अंदर अच्छे व बुरे बैक्टेरिया का संतुलन होना जरूरी होता है। यदि आप के पेट मे अच्छे बैक्टेरिया की बजाए फंगस हो जाती है तो आप को डायरिया, उल्टियां, कब्ज व पेट दर्द की समस्या होने लगती है। अच्छे बैक्टीरिया आप के पाचन के लिए आवश्यक होते हैं। जबकि इन की कमी के कारण आप कुछ भी अच्छे से नहीं पचा सकते हैं।
साइनस इंफेक्शन (Sinus problem)
साइनस के मुख्य लक्षणों में नाक बहना, सुगन्ध न आना व सिर दर्द हैं। इसे ठीक करने के लिए आप एंटी बायोटिक्स का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको लंबे समय से साइनस की समस्या है, तो आपको डॉक्टर से ही मिलना चाहिए क्योंकि ऐसे मरीजों में एंटीबायोटिक का सेवन परेशानी बढ़ा सकता है।
स्किन व नेल इंफेक्शन (skin infection)
आप के पेट की तरह ही आप की स्किन में भी कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो फंगस को बुरी तरह बढ़ने से रोकते हैं। परन्तु जब आप ज्यादा साबुन या किसी प्रकार की एंटी बायोटिक का प्रयोग करते हैं ,तो यह बैक्टीरिया कम हो जाते हैं । जिसके परिणाम स्वरूप आप की स्किन व नाखूनों में फंगस इंफेक्शन हो जाता है। आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: सर्दी में होने वाले फंगल इंफेक्शन और खुजली से राहत दिलाते हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन( UTI)
यह फंगल इंफेक्शन महिलाओं में वजाइना की दीवारों पर भी हो जाता है। जिस कारण उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो जाता है। इसके लक्षणों में वजाइना का लाल होना, वहां सूजन होना, बहुत खुजली होना व सफेद रंग का डिस्चार्ज निकलना शामिल हैं। यह दर्दनाक भी हो सकता है। महिलाओं के अलावा यह बुजुर्गों में भी बहुत होता है खास कर वीक इम्यूनिटी वाले या बीमार बुजुर्ग जो अस्पताल में भर्ती हों।
इंफेक्शन ठीक करने के लिए कुछ नैचुरल तरीके (natural treatments of Candida Infection)
कोकोनट ऑयल: यदि आप को वजाइनल इंफेक्शन हो जाता है तो आप कोकोनट ऑयल का प्रयोग कर सकतीं हैं। ध्यान रखें कि बिल्कुल प्योर व ऑर्गेनिक ऑयल का प्रयोग करें।
टी ट्री ऑयल : टी ट्री ऑयल में बैक्टेरिया व फंगस को खत्म करने की क्षमता होती है। इसलिए आप फंगल इंफेक्शन के दौरान टी ट्री ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं।
बोरिक एसिड : यह एक बहुत प्रभावकारी एंटीसेप्टिक है जो यीस्ट इंफेक्शन को ठीक करने के लिए प्रयोग की जाती है। इसका अधिक मात्रा में प्रयोग न करें।
एसेंशियल ऑयल : एसेंशियल ऑयल की 2 ड्रॉप्स लेकर उसे कैरियर ऑयल में मिक्स करें और उसे अपनी स्किन पर मसाज करें। इससे भी आप की फंगस ठीक हो सकती है।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।